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बीओबी के दो मैनेजर और वकील को पांच-पांच साल की मिली सजा

रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में फर्जी तरीके से लोन देने के मामले में शुक्रवार को बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्य शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर कैलाश नाथ, क्रेडिट मैनेजर सुधीर लकड़ा और अधिवक्ता राजीव रंजन उर्फ अरविंद को पांच-पांच साल की सजा सुनायी. वहीं, मैनेजर कैलाश नाथ व क्रेडिट मैनेजर […]

रांची : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत में फर्जी तरीके से लोन देने के मामले में शुक्रवार को बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्य शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर कैलाश नाथ, क्रेडिट मैनेजर सुधीर लकड़ा और अधिवक्ता राजीव रंजन उर्फ अरविंद को पांच-पांच साल की सजा सुनायी. वहीं, मैनेजर कैलाश नाथ व क्रेडिट मैनेजर सुधीर लकड़ा को 20-20 लाख और अधिवक्ता राजीव रंजन पर 15 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है.

जुर्माना जमा नहीं करने पर बैंक के दोनों अधिकारियों को 24-24 महीने व अधिवक्ता को 18 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. इस मामले सीबीआइ की ओर से 40 गवाह पेश किये गये. जबकि मामले में लोन लेनेवाले दोनों आरोपी सतीश व संतोष साहू फरार हैं.
वर्ष 2005 का है मामला
मामला वर्ष 2005 का है. मेसर्स नीलम स्पाई के संचालक सतीश व संतोष साहू (दोनों पार्टनर) ने रातू के सिमलिया में 2़ 81 एकड़ जमीन दिखा कर बैंक अॉफ बड़ौदा की मुख्य शाखा में एक करोड़ रुपये लोन का आवेदन किया था. उस समय बैंक ऑफ बड़ौदा मुख्य शाखा के मैनेजर कैलाश नाथ तथा क्रेडिट मैनेजर सुधीर लकड़ा थे. बैंक के पैनल अधिवक्ता राजीव रंजन उर्फ अरविंद ने अपना ओपिनियन दिया था.
उसके बाद लोन पास हो गया. जांच के दौरान पता चला कि जमीन का फर्जी कागजात दिखा कर लोन पास कराया गया. उसके बाद जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया. सीबीआइ ने जांच के बाद फर्जी तरीके से लोन का मामला सही पाया. सीबीआइ ने इस संबंध में 17 सितंबर 2008 को प्राथमिकी दर्ज की थी.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने मामले में सुनाया फैसला
दोनों मैनेजर को 20-20 लाख और अधिवक्ता को 15 लाख रुपये का किया जुर्माना
2005 में मेसर्स नीलम स्पाई के पार्टनर संतोष व सतीश ने लिया था लोन, दोनों फरार
चारा घोटाला : आरके राणा व जगदीश शर्मा के बयान दर्ज
रांची. चारा घोटाला से जुड़े डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में पूर्व सांसद आरके राणा व जगदीश प्रसाद का बयान शुक्रवार को दर्ज किया गया.
बयान सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में दर्ज किया गया. डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़े कांड संख्या आरसी 47ए/96 मामले में अब तक 101 आरोपियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
वहीं लालू प्रसाद, पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, डिविजनल कमिश्नर एमसी सुवर्णो समेत अन्य 12 आरोपियों के बयान दर्ज किये जाने शेष हैं. मामले की सुनवाई रोज हो रही है. मालूम हो कि इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत 113 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

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