रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि भाजपा के सांसद बीडी राम ने उग्रवादी संगठन टीपीसी, पीएलएफआइ और जेएलटी का गठन 2004 में किया था. इसका परिणाम हम भुगत रहे हैं. मुख्यमंत्री सोमवार को सदन में विधि व्यवस्था पर विशेष चर्चा में बोल रहे थे. उन्होंने कहा : विधि व्यवस्था एक दिन में नहीं बिगड़ती है. पूर्व की सरकारों के कारण यह स्थिति बनी है. जनप्रतिनिधियों को अपनी भूमिका से नहीं भागना चाहिए. जब तक हम भटके हुए लोगों को मुख्य धारा से नहीं जोड़ेंगे, अपराध नहीं रुक सकता है.
बेरोजगारी और महंगाई भी महत्वपूर्ण कारण है. सरकार दूर करने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री के इस बयान पर झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि अगर सरकार के पास बीडी राम के खिलाफ कोई सबूत है, तो कार्रवाई करनी चाहिए.
आदिवासियों की जमीन वापस होगी : मुख्यमंत्री ने कहा : रांची में एसएआर कोर्ट से आदिवासियों की जमीन गलत तरीके से हस्तांतरित किये जाने का मामला प्रकाश में आया था. इसकी जांच करायी गयी. सैकड़ों एकड़ जमीन गलत तरीके से हस्तांतरित किये जाने का प्रमाण मिला है. सभी जमीन को फ्रीज कर दिया गया है. सरकारी स्तर पर भी कार्रवाई हो रही है. एक सप्ताह में मूल आदिवासियों को जमीन देने की प्रक्रिया शुरू होगी.
तो सीबीआइ जांच भी करायेंगे : मुख्यमंत्री ने कहा : कोयले के अवैध कारोबार पर सरकार की पैनी नजर है. पहली बार किसी सरकार ने इस अवैध कारोबार की जांच कराने का निर्णय लिया है. अभी इसकी जांच निगरानी से करायी जा रही है. जरूरत पड़ी, तो सीबीआइ जांच भी होगी. हजारीबाग और रामगढ़ में अवैध कोयले के करीब एक हजार ट्रक पकड़े गये हैं. कई कंपनियों पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. कोल इंडिया से भी सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये लेना है. इसके लिए केंद्र स्तर पर बात भी हो रही है.
क्या-क्या बोले हेमंत सोरेन
खराब विधि व्यवस्था पूर्व की सरकारों के कारण
रांची में एसआर कोर्ट से आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ जमीन का गलत हस्तांतरण हुआ
सभी जमीन को फ्रीज कर दिया गया है आदिवासियों को वापस की जायेगी
तथ्यों की जांच कर बोलना चाहिए सीएम को : बीडी राम
भाजपा सांसद व पूर्व डीजीपी बीडी राम ने कहा : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संवैधानिक पद पर हैं. उन्हें कुछ भी बोलने से पहले तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए. टीपीसी और पीएलएफआइ को किसने बनाया, इसका रिकॉर्ड है, उसे देख लें. मैंने तो इन संगठनों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया था. मुख्यमंत्री को पदाधिकारियों ने गुमराह किया है.
नक्सलियों, उग्रवादियों के खिलाफ मैंने जितनी कार्रवाई की, किसी ने नहीं की. आज भी मुङो नक्सलियों, उग्रवादियों से खतरा है, यह बात पुलिस विभाग मानता है. यह भी रिकॉर्ड में दर्ज है. रिकॉर्ड देख लें कि किसके कार्यकाल में सबसे कम नक्सली घटनाएं हुईं. मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति वैसे व्यक्ति पर आरोप लगा रहे हैं, जो सदन में उपस्थित नहीं है, यह गलत है.