गिरिडीह : कोर्ट में दायर परिवाद पत्र के आलोक में मुफस्सिल थाना में धोखाधड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है. प्राथमिकी बेंगाबाद थाना क्षेत्र के खंडोली के मिथुन प्रसाद वर्मा ने दर्ज करवायी है.
आरोपियों में रांची के एचइसी कॉलोनी, बस स्टैंड धुर्वा के ओम प्रकाश, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के साहिबाबाद शालीमार गार्डेन मुख्य, स्वामी विवेकानंद पार्क के मोहम्मद इरशाद एवं ईस्ट दिल्ली शकरपुर, थर्ड फ्लोर तिरूपति कॉम्पलेक्स की जेबा जारीन शामिल हैं.
मामला 06 फरवरी 2017 से 12 फरवरी 2019 तक का है. प्राथमिकी में कहा गया है कि वह शिक्षित बेरोजगार है. काम की तलाश के दौरान उसकी मुलाकात ओम प्रकाश, मोहम्मद इरशाद एवं जेबा जारीन से हुई. इन तीनों ने बताया कि वे लोजिकप्रो कंस्लटिंग प्राइवेट लिमिटेड से है. कंपनी के विस्तारीकरण के लिए उसे एक शिक्षित व्यक्ति की आवश्यकता है. वह उनलोगों की बातों में आकर कार्य करने के लिए तैयार हो गया.
जिसे लेकर एग्रीमेंट भी बना. एग्रीमेंट के मुताबिक कुल आमदनी का 70 प्रतिशत उसे मिलना था जबकि 30 प्रतिशत उन तीनों को मिलना था, जो कंपनी के पदधारक थे. इसके बाद वह कंपनी के नियमों के अनुसार पीएम कौशल विकास येाजना के तहत काम करने लगा. कंपनी के नामित उन तीनों को नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) द्वारा पहली एवं दूसरी किस्त की राशि दी गयी. परंतु तीनों ने यह बात उसे नहीं बतायी. जब उसने एनएसडीसी में कॉल किया तो पता चला कि कंपनी को पैमेंट आ चुका है.
तीनों बराबर उन्हें काम करने के लिए बोले एवं पैमेंट करने का आश्वासन देते रहे और वह युवक-युवतियों को प्रशिक्षण देता रहा. काम करने के बावजूद कंपनी के उक्त नामित तीनों लोगों ने पैसा देना रोक दिया. जबकि उसे कंपनी से 7 लाख 65 हजार 5 सौ 11 रुपये लेना है. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि वकालतन नोटिस भेजने के बावजूद तीनों लोगों ने उसका भुगतान नहीं किया. प्राथमिकी में कहा गया है कि वह कर्ज लेकर प्रशिक्षण देने का काम किया है. पैमेंट नहीं मिलने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है.