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20 हजार स्कूलों में किचन शेड नहीं

रांची: राज्य के करीब आधे प्राथमिक व मध्य विद्यालय में किचन शेड नहीं हैं. विद्यालयों में किचन शेड नहीं होने स्कूलों में मध्याह्न् भोजन बनाने में काफी परेशानी होती है. झारखंड में कुल 41,847 प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं. इनमें कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दोपहर में पका हुआ खाना देना होता […]

रांची: राज्य के करीब आधे प्राथमिक व मध्य विद्यालय में किचन शेड नहीं हैं. विद्यालयों में किचन शेड नहीं होने स्कूलों में मध्याह्न् भोजन बनाने में काफी परेशानी होती है. झारखंड में कुल 41,847 प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं.

इनमें कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दोपहर में पका हुआ खाना देना होता है. प्रावधान के अनुरूप खाना बनाने के लिए स्कूलों में किचन शेड होना अनिवार्य है. झारखंड के 41,847 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में से 50 फीसदी स्कूल में ही किचन शेड की व्यवस्था है. राज्य के 20,923 विद्यालयों में किचन शेड नहीं है. भारत सरकार ने इस संबंध में रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में वर्ष 2012-13 तक की स्थिति की जानकारी दी गयी है. स्कूलों द्वारा जमा किये गये प्रपत्र के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि झारखंड के स्कूलों में किचन शेड की संख्या राष्ट्रीय औसत से कम है. भारत सरकार ने किचन शेड के निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है. भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है.

तीन वर्ष में 18 फीसदी की बढ़ोतरी

तीन वर्ष में झारखंड के स्कूलों में किचन शेड में 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2009-10 में राज्य के मात्र 32 फीसदी स्कूलों में किचन शेड की व्यवस्था थी. वर्ष 2012-13 में यह बढ़ कर 50 फीसदी हो गयी. राज्य गठन के समय प्राथमिक व मध्य विद्यालयों की संख्या लगभग 20 हजार थी. वर्तमान में 41,847 प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं. इनमें से अधिकांश वैसे विद्यालय हैं, जिन्हें प्राथमिक शिक्षा गारंटी केंद्र से प्राथमिक विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है. अधिकांश उत्क्रमित प्राथमिक व मध्य विद्यालय में किचन शेड नहीं है.

राष्ट्रीय स्तर पर 60 फीसदी स्कूल में शेड

राष्ट्रीय स्तर पर 60 फीसदी स्कूलों में किचन शेड की व्यवस्था है. वर्ष 2009-10 में देश में 43 फीसदी स्कूलों में किचन शेड था. तीन वर्ष में 17 फीसदी स्कूल में किचन शेड बढ़ा. झारखंड में राष्ट्रीय स्तर से लगभग दस फीसदी कम स्कूल में किचन शेड हैं.

क्या पड़ता है असर

किचन शेड नहीं होने से कई स्कूलों में खुले में खाना बनता है

चावल व अन्य खाद्य सामग्री रखने में होती है परेशानी

क्लास रूम में रखना पड़ता है अनाज

कक्षा में खाना बनाने से पढ़ाई में होती है परेशानी

खाना बनाने में साफ – सफाई का नहीं हो पाता पालन

खाने में मिलते रहे हैं सांप-छिपकली

किचन शेड की व्यवस्था नहीं होने से खाने का रख-रखाव ठीक से नहीं हो पाता है. राज्य में मध्याह्न् भोजन में सांप-छिपकली मिलने का मामला सामने आते रहता है. इस कारण कई बच्चे बीमार भी हुए हैं. धनबाद के एक विद्यालय में मध्याह्न् भोजन में सांप मिलने के कारण 20 बच्चे बीमार हो गये थे.

इन स्कूलों में हुई है घटना

उत्क्रमित मध्य विद्यालय कनसार

यूएमएस राधानगर बाघमारा

उत्क्रमित मध्य विद्यालय चुंगी

टीयादाह मध्य विद्यालय

प्राथमिक विद्यालय खूंटी

प्राथमिक विद्यालय कोलायकनादु

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