रांची: राज्य पुलिस में पुलिसकर्मियों के कुल 72661 पद स्वीकृत हैं. इसमें जिला बल के 55291 और जैपेके 17370 पद शामिल है. इसमें से जिला बल और जैप में 17500 से अधिक पद रिक्त है.
मतलब कुल स्वीकृत पद का 24.08 प्रतिशत पद रिक्त है. नियुक्ति नहीं होने के कारण राज्य पुलिस को भारी परेशानी हो रही है. रांची में ट्रैफिक पुलिस में 600 के बदले सिर्फ 300 सिपाही ही पदस्थापित हैं. राज्य के विभिन्न जिलों में भी यही स्थिति है. थानों में फोर्स की कमी है. एक ही जवान को लगातार ड्यूटी करनी पड़ रही है. राज्य भर में थानों की संख्या 430 है. अगर 17500 सिपाही की नियुक्ति कर ली जाती है, तो हर थाना में 40-40 जवानों की तैनाती की जा सकती है.
लटक गयी नियुक्ति: जैप में सिपाही नियुक्ति का मामला आगे नहीं बढ़ रहा है. तीन साल पहले जैप-दो, जैप-छह और जैप-सात में सिपाही नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. अभी तक प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका है. सबसे अधिक परेशानी जैप-दो के लिए है. जैप-दो में सिपाही नियुक्ति के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष तत्कालीन कमांडेंट अमरजीत बलिहार पिछले साल नक्सली हमले में शहीद हो गये. इसके बाद से कमेटी के अध्यक्ष का पद खाली पड़ा हुआ है. इस काम को अब तक किसी अफसर को विधिवत नहीं दिया जा सका है.
गृह मंत्रालय ने चिंता जतायी थी
इस साल जनवरी माह में केंद्रीय गृहमंत्रालयने राज्य सरकार को पत्र लिख कर सिपाही पद की रिक्ति को लेकर चिंता जतायी थी. मंत्रलय ने सरकार से कहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया लगातार चलायी जाये, ताकि युवकों को रोजगार मिल सके. सरकार के पास फोर्स की कमी नहीं हो. इसके बाद भी अभी तक न तो जैप चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा कर सका है और न ही नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया है.
नहीं बनी टीआरपी
पुलिस बल में नियुक्ति के लिए गृह मंत्रलय ने करीब पांच साल पहले राज्यों की सरकार को टीआरपी (ट्रांसपैरेंट रिक्रूटमेंट पॉलिसी) बनाने का निर्देश दिया था. इसके बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने टीआरपी का प्रस्ताव तैयार किया था. करीब चार साल पहले पुलिस मुख्यालय ने नयी नियुक्ति नियमावली (टीआरपी) का प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया. लेकिन सरकार के स्तर से अब तक इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है.