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देवघर भूमि घोटाले में सीबीआइ ने ली तलाशी गढ़वा, गुमला व पटना में छापा

धनबाद: सीबीआइ एंटी करप्शन विंग धनबाद की टीम ने देवघर भूमि घोटाले में सोमवार को देवघर, गढ़वा, गुमला व पटना में 16 स्थानों पर सर्च अभियान चलाया. इस दौरान सीबीआइ के हाथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी लगे हैं. सीबीआइ एसपी पीके माजी के निर्देशन में दर्जन भर से ज्यादा टीम अभियान में शामिल थी. हाइकोर्ट […]

धनबाद: सीबीआइ एंटी करप्शन विंग धनबाद की टीम ने देवघर भूमि घोटाले में सोमवार को देवघर, गढ़वा, गुमला व पटना में 16 स्थानों पर सर्च अभियान चलाया. इस दौरान सीबीआइ के हाथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी लगे हैं.

सीबीआइ एसपी पीके माजी के निर्देशन में दर्जन भर से ज्यादा टीम अभियान में शामिल थी. हाइकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने देवघर भूमि घोटाले की जांच की जिम्मेवारी सीबीआइ को दी है. केस में तीन दर्जन अभियुक्त हैं, जिसमें कई गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. कई को सजा भी हो चुकी है.

सीबीआइ में तीन केस दर्ज हैं. दो घोटाले से संबंधित व एक कागजात चोरी से संबंधित है. देवघर रिकार्ड रूम से चोरी गये कागजात से संबंधित एफआइआर के आलोक में सोमवार को सीबीआइ ने सर्च अभियान चलाया. कागजात चोरी करनेवाले, करानेवाले व इस कार्य में सहयोग करनेवाले संदिग्धों के आवास, ऑफिस में तलाशी ली गयी. चोरी गये कागजात व घोटाले से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज सीबीआइ के हाथ लगे हैं. सीबीआइ टीम सर्च में मिले कागजात के सत्यापन में जुट गयी है. सीबीआइ को अनुसंधान में आगे अहम जानकारी हाथ लगने की संभावना है. पिछले दिनों सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर एके सिंह ने धनबाद दौरे में देवघर भूमि घोटाला समेत अन्य कांडों की समीक्षा की थी.

कंपनियों ने 150 करोड़ का उत्पादन छिपाया

रांची: वाणिज्यकर के छापे में सरिया बनानेवाली कंपनियों द्वारा दूसरी कंपनियों के फरजी दस्तावेज पर कारोबार करने का खुलासा हुआ है. जांच में पता चला कि इन कंपनियों ने 150 करोड़ रुपये का उत्पादन छिपाया और 3.28 करोड़ रुपये का कोयला बाजार में बेच दिया.

विभाग के सचिव एमआर मीणा के निर्देश पर पिछले दिनों गिरिडीह में सरिया बनानेवाली कंपनियों के ठिकानों पर छापा मारी हुई थी. इसमें श्रीवीर नामक कंपनी के ठिकानों से दूसरी कंपनियों के बिल सहित अन्य दस्तावेज जब्त किये गये. जांच में पता चला कि श्रीवीर कंपनी दूसरी कंपनियों के नाम पर फरजी कागजात छपवा कर व्यापार कर टैक्स की चोरी करती थी. इस कंपनी के ठिकानों से तिरूपति स्टील, विनायक आयरन एंड कोक लि, बाबा भूतनाथ ट्रेडर्स, हनुमान इंटरप्राइजेज और अरिहंत एंड कंपनी के फरजी दस्तावेज मिले हैं. कंपनी ने बाबा भूतनाथ ट्रेडर्स के फरजी दस्तावेज पर 1.52 करोड़ रुपये का व्यापार किया है.

हनुमान इंटरप्राइजेज के फरजी दस्तावेज पर दो करोड़ रुपये का व्यापार किया है. श्रीवीर नामक सरिया बनानेवाली कंपनी ने 10.35 करोड़ रुपये का उत्पादन छिपाया है. इसके स्टॉक में 1.28 करोड़ रुपये की सामग्री में गड़बड़ी पायी गयी है. जांच में बाल मुकुंद कंपनी द्वारा 3.28 करोड़ रुपये का कोयला बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है. कोल लिंकेज के तहत मिले कोयले का इस्तेमाल कंपनी को अपने काम में करना है. बाजार में उसकी बिक्री प्रतिबंधित है. बाल मुकुंद के स्टाक में 2.66 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पायी गयी. कंपनी प्रति दिन 48 एमटी स्पंज आयरन, 30 एमटी पिग आयरन सहित अन्य सामग्रियों का उत्पादन छिपा रही है. अतिवीर कंपनी द्वारा 113 करोड़ रुपये का उत्पादन छिपाने का मामला पकड़ में आया है. कंपनी अपना 50 प्रतिशत उत्पादन छिपा कर टैक्स की चोरी कर रही है. कंपनी ने 1.11 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने का दावा किया है.

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