भंडरा-लोहरदगा : जमगाई गांव निवासी एनोला लकड़ा को बच्चों समेत डायन बिसाही का आरोप लगा कर ग्रामीणों ने गांव से निकाल दिया है. एनोला वर्तमान में विगत महीने के 16 मई से भंडरा में रह रही है. उसे भंडरा निवासी रमेश उरांव ने अपने घर में शरण दिया हुआ है. एनोला के पति असेर लकड़ा की मृत्यु तीन वर्ष पूर्व ही हो चुकी है.
विधवा एनोला लकड़ा ने अपने देवरों बेंजामीन लकड़ा एवं प्रमोद लकड़ा द्वारा प्रताड़ित करने, चरित्रहीनता एवं डायन का आरोप लगा कर गांव से निष्कासित करने का आरोप लगाते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से भंडरा थाना में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है. प्राधिकार के सचिव रंजित कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एनोला के आवेदन को आवश्यक कार्रवाई हेतु भंडरा थाना को भेज दिया है. एनोला गांव की आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका है.
एनोला का आरोप है कि उसे विधवा जान कर उसके देवरों ने उसकी जमीन एवं घर को हड़पना चाहते हैं. एनोला अपने आवेदन में उल्लेख की है कि जमगांई की मुखिया धनेश्वरी उरांव का पति मोहन उरांव ने गांव से निष्कासित एवं गांव वापस नहीं आने हेतु जबरन शपथ पत्र में हस्ताक्षर करवाया है. एनाला स्पष्ट शब्दों में कहती है कि मैं अपने बच्चों के साथ घर में रहना चाहती हूं. मेरा हक मुझसे नहीं छीना जाये.