बोकारो : अपनी पत्नी के चरित्र पर शक में आजसू के केंद्रीय सचिव और पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर अजय सिंह ने जहां एक दोस्त सुनील गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी. जबकि दूसरे दोस्त अमरेश सिंह उर्फ अप्पू सिंह की बायीं जांघ में गोली मार दी, वह बीजीएच में इलाजरत है. अजय सिंह ने बुधवार की देर रात सेक्टर नौ-ए, आवास सं-1092 के सामने गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया.
इतना ही नहीं, गोली लगने से जमीन पर लहूलुहान होकर गिरे सुनील गुप्ता को अजय सिंह ने अपनी ऑल्टो कार से बोकारो जनरल अस्पताल (बीजीएच) ले गया. जहां से वह फरार हो गया. उधर, घटना के बाद पुलिस ने अजय सिंह के सेक्टर-नौ स्थित आवास सं-52 में छापेमारी की.
वहां से पुलिस को एक कारबाइन, तीन देसी पिस्टल व दर्जनों कारतूस मिले. पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इतनी अधिक मात्रा में आजसू नेता के घर में हथियार व कारतूस कहां से आये. पुलिस अजय सिंह की पत्नी एंजेला और भाई राजेश सिंह से पूछताछ कर रही है. एंजेला अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज रह चुकी हैं.
सुनील की डेढ़ वर्ष पूर्व हुई थी शादी
मृतक सुनील गुप्ता बिहार के सीवान जिला के रघुनाथपुर के निकितकला गांव के मूल निवासी थे. वह बोकारो सेक्टर-नौ के नवनाथ मंदिर के निकट झोपड़ी निवासी दीनबंधु प्रसाद के तीसरे पुत्र थे. डेढ़ वर्ष पूर्व ही सुनील गुप्ता की शादी हुई थी. वह अजय सिंह की ठेका कंपनी का काम देखता था. सुनील की मौत की खबर सुनकर उनकी पत्नी, परिजन व भाई सदमे में हैं.
पत्नी को दोस्त से बात करते देख आपा खोया
बीजीएच में इलाजरत अप्पू सिंह से पुलिस ने पूछताछ की. पुलिस के अनुसार, अप्पू सिंह, अजय सिंह, सुनील प्रसाद गुप्ता, और नन्हे पाठक दोस्त हैं. सभी साथ रहते थे. अप्पू सिंह को अजय सिंह ने ही बोकारो इस्पात संयंत्र में ठेका का कार्य करने वाली निजी कंपनी भिलाई इंजीनियरिंग में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी दिलायी है. अजय सिंह भी उक्त कंपनी में सिविल ठेका का कार्य करता है.
ठेका में तीनों दोस्त अजय सिंह का सहयोग करते हैं. काम के सिलसिले में ही सभी अजय के घर आते-जाते थे. इस कारण युवकों की अजय सिंह की पत्नी से बातचीत होती थी, लेकिन अजय सिंह ने इसे दूसरे रूप में ले लिया. पुलिस के अनुसार, अजय सिंह की पत्नी ने एक नया टी-शर्ट खरीदा था. इसे अजय सिंह ने बुधवार (वेलेंटाइन डे) को देख लिया. इस बारे में अजय ने पत्नी से कई सवाल किये. अजय को शक था कि अप्पू सिंह ने उसकी पत्नी को उपहार स्वरूप टी-शर्ट दी है.
पत्नी से पूछताछ के बाद भी अजय का गुस्सा शांत नहीं हुआ. वह पत्नी को कार से लेकर बुधवार सुबह दस बजे सेक्टर-4 की तरफ गया. इस दौरान कार के अंदर ही पत्नी के साथ मारपीट की. विरोध में पत्नी ने मणिपुर अपने मायके जाने की बात कही. इसके बाद अजय सिंह पत्नी को लेकर कुछ देर बाद अपने घर आ गया. घर में भी पति-पत्नी के बीच कोई बात नहीं हुई. पुलिस ने बताया कि शाम छह बजे अजय ने फोन कर अप्पू सिंह को अपने घर बुलाया. अप्पू घर आया, तो अजय अपनी पत्नी को लेकर मिठाई लाने की बात कहकर कार से चला गया. तीन घंटा बाद अजय सिंह अकेले घर आया. उसकी पत्नी साथ में नहीं थी.
यह देख अप्पू ने अजय से पूछा कि भाभी कहां है. अजय ने कोई जवाब नहीं दिया और अप्पू को घर से जाने को कहा. अप्पू अपनी बाइक से चला गया. रात 11 बजे अप्पू अपनी बाइक लगाने नन्हे पाठक के घर गया. वहां पहले से सुनील गुप्ता मौजूद था. बाइक लगा कर अप्पू व सुनील गुप्ता सड़क पर बातचीत करने लगे. इसी दौरान अजय की पत्नी वहां पहुंच गयी. उसने अप्पू से कहा कि उसके साथ अजय ने काफी मारपीट की है. वह अब अजय के साथ नहीं रहेगी, मणिपुर स्थित अपने मायके चली जायेगी.
युवकों ने मारपीट का विरोध किया तो चला दी गोली
पुलिस के अनुसार, इसी दौरान अजय सिंह अचानक अपनी कार से आया. अप्पू के साथ अपनी पत्नी से बात करता देख गुस्से में आपा खो बैठा. अजय कार से बाहर निकला और पत्नी को दो-चार तमाचे जड़ दिये.
उसे जबरन खींच कर कार में बैठाने लगा. यह देखकर अप्पू व सुनील ने अजय को रोका. दोनों के विरोध को देखकर अजय सिंह गुस्सा हो गया और गोली चला दी. गोली की आवाज सुनकर नन्हे पाठक व मुहल्ले के अन्य लोग अपने घर से बाहर निकले. इस पर अजय ने जमीन पर गिरे सुनील गुप्ता को अपनी कार की पिछली सीट पर लिटाया और बीजीएच ले गया.
अजय सिंह के सिर खून सवार था : अप्पू
अस्पताल में इलाजरत अप्पू ने बताया कि नन्हे पाठक के आवास के सामने रोड पर ही घटना को अंजाम दिया गया. बुधवार देर रात अजय सिंह, उनकी पत्नी, सुनील प्रसाद गुप्ता, नन्हे पाठक और वह मौजूद था. अप्पू के अनुसार, अजय सिंह के सिर पर खून सवार था. वह पूरी प्लानिंग के साथ कमर में तीन पिस्टल खोंस कर उसकी हत्या करने के इरादे से ही आया था. अजय ने मुझपर गोली चलायी, जो मेरी जांघ में लग गयी. उसने एक के बाद एक तीन फायरिंग की.
चौथी गोली पिस्टल में फंस गयी. इसके बाद अजय ने कमर से दूसरी पिस्टल निकालकर मेरे सिर में सटाकर गोली मारनी चाही. यह देख सुनील फौरन सामने आ गया और उसने अजय का हाथ पकड़ कर हटा दिया़ इससे अजय गुस्से में आ गया और सुनील की ललाट में पिस्टल सटा कर गोली चला दी.
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अजय सिंह 2005 में आये थे बोकारो
दसवीं में पढ़ाई के दौरान ही अजय का सेलेक्शन इस्ट बंगाल क्लब के लिए हो गया था. अजय सिंह वर्ष 2005 में बोकारो आया था . इससे पहले वह कोलकाता में पश्चिम बंगाल सरकार में ऑडिट ऑफिसर था. उसे पश्चिम बंगाल सरकार से बिजली विभाग से भी नौकरी का ऑफर मिला था. 90 के दशक में बिहार सरकार ने अजस सिंह को पुलिस विभाग की नौकरी ऑफर की थी. बिहार में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के अवार्ड से भी उन्हें नवाजा गया था.
वर्ष 2005 में वह बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए बोकारो आये थे. वर्ष 2005 में आजसू पार्टी के टिकट पर बोकारो विधानसभा का चुनाव लड़ा था. 2009 में तृणमुल कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में दावेदारी पेश की. वर्तमान में अजय सिंह आजसू के केंद्रीय सचिव हैं.