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मत्स्य विभाग के तालाब में मछली मारने को लेकर हंगामा पथराव,दो राउंड फायरिंग

रांची: शालीमार मार्केट के सामने स्थित मत्स्य विभाग के तालाब के बाहर का क्षेत्र मंगलवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. मछली मारने पहुंचे लोगों और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गये. गुलेल, पत्थर और पारंपरिक हथियारों से लैस जगन्नाथपुर, मौसीबाड़ी, पिस्कानगड़ी व आसपास के लोगों ने मछली मारने […]

रांची: शालीमार मार्केट के सामने स्थित मत्स्य विभाग के तालाब के बाहर का क्षेत्र मंगलवार को रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. मछली मारने पहुंचे लोगों और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गये. गुलेल, पत्थर और पारंपरिक हथियारों से लैस जगन्नाथपुर, मौसीबाड़ी, पिस्कानगड़ी व आसपास के लोगों ने मछली मारने से रोकने आयी पुलिस पर हमला कर दिया. वहीं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने भी लाठीचार्ज और दो राउंड फायरिंग की. पथराव में धुर्वा व जगन्नाथपुर थाने के इंस्पेक्टर, थानेदार, कई दारोगा, जमादार व पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. हालांकि सभी को प्राथमिक उपचार के बाद छोड़ दिया गया. लाठीचार्ज में कई लोगों को चोट लगने की खबर है.तड़के साढ़े चार बजे से लेकर दिन के 12 बजे तक यहां हंगामे की स्थिति रही.

इधर, पुलिस ने फायरिंग की पुष्टि नहीं की है. पुलिस के अनुसार लोगों ने पटाखे चलाया था. इस मामले को लेकर धुर्वा थाने में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने, मछली लुटने के प्रयास की धारा लगायी गयी है.

पहले से तैनात थी पुलिस : पुलिस को पहले से सूचना थी कि तालाब में सरहुल से पूर्व कुछ लोग मछली मारने के लिए आनेवाले हैं. इसकी सूचना मिलते ही वहां पुलिस की ओर से रैप, क्विक रियेक्शन टीम सहित काफी संख्या में सशस्त्र व लाठी बल की तैनात की गयी थी.

घटना के बाद एसडीओ, सीओ व डीएसपी ने लोगों को समझाया. वहीं पाहन से मछली की पूजा करायी, तब जाकर लोग माने. घटना की सूचना मिलने पर कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत भी घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को मछली मारने की इजाजत देने की बात कही.

क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक सरहुल के पूर्व तालाब में मछली मारने की परंपरा है. परंपरा के तहत पिस्का नगड़ी, मौसीबाड़ी व आसपास के गांवों के सैंकड़ो लोग मच्छरदानी,जाल व कुमनी लेकर मछली मारने पहुंचे थे. गौरतलब है कि गत वर्ष मछली मारने के दौरान लोगों ने तालाब को तहस-नहस कर दिया था. उसके बाद मत्स्य विभाग को फिर से तालाब को मछली पालन के लायक बनाया गया था. पिछली घटना को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारी की थी. मंगलवार को अहले सुबह लोगों ने मत्स्य विभाग के तालाब में घुसने की कोशिश की. उन्हें पुलिस ने रोक दिया. इस कारण वहां टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. मछली मारने से मना करने पर आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया और रोड पर ही सो गये. इससे करीब आधे घंटे तक रोड जाम रहा. बाद में सभी लोग खुद रोड से हट गये.

सांसद आवास पहुंचे लोग
पुलिस द्वारा मछली मारने से मना करने पर सैकड़ों लोग सांसद आवास पहुंचे और इसकी शिकायत की. उसके बाद सांसद भी घटनास्थल पर पहुंचे. लोगों को मछली नहीं मारने देने की बात पर वे नाराज थे.

जो पुलिसकर्मी जख्मी हुए
धुर्वा इंस्पेक्टर इंद्रमणि चौधरी, जगन्नाथपुर इंस्पेक्टर गरीबन पासवान, थाना प्रभारी रतन कुमार, दारोगा मो आजाद, नागेंद्र रजक, जमादार भागेश्वर सिंह, बॉडीगार्ड सत्येंद्र नारायण सिंह, जिला व क्विक रियेक्शन टीम के पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये.

मत्स्य विभाग का ही तालाब क्यों : निदेशक
मत्स्य विभाग के निदेशक राजीव कुमार के अनुसार बहुत से तालाब जगन्नाथपुर व पिस्का नगड़ी इलाके में हैं, तो फिर मत्स्य विभाग के तालाब में ही लोग मछली मारने क्यों पहुंचे. पिछले साल इन लोगों ने मछली मारने के दौरान पूरे तालाब को तहत नहस कर दिया था.

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