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लाठीचार्ज के बाद सड़क से हटे दोनों पक्ष के लोग, फिर प्रशासन पर फेंका पत्थर

छावनी में तब्दील सुकरहुटू गांव की मुख्य सड़क ईंट व पत्थरों से पट गये थे गांव की सड़क पुलिस अधिकारियों को लोगों ने रोके रखा रांची : दो पक्षों के बीच मारपीट और पत्थरबाजी की घटना में जब कांके थाना प्रभारी घायल हो गये, तब बड़ी संख्या में फोर्स को सुकरहुटू गांव भेजा गया. पुलिस […]

छावनी में तब्दील सुकरहुटू गांव की मुख्य सड़क
ईंट व पत्थरों से पट गये थे गांव की सड़क
पुलिस अधिकारियों को लोगों ने रोके रखा
रांची : दो पक्षों के बीच मारपीट और पत्थरबाजी की घटना में जब कांके थाना प्रभारी घायल हो गये, तब बड़ी संख्या में फोर्स को सुकरहुटू गांव भेजा गया. पुलिस मुख्यालय से क्यूआरटी टीम, जैप की एक कंपनी, जिला बल के जवानों को गांव में भेजा गया. शुरू में फोर्स और ग्रामीण एक साथ खड़े थे. करीब एक घंटे तक प्रशासन की ओर से ग्रामीण एसपी, एसडीओ, सिटी एसपी ने दोनों पक्ष के लोगों को रोके रखा.
बाद में प्रशासन ने पहले एक समूह के लोगों पर लाठी चार्ज किया और उन्हें खदेड़ा. जब एक पक्ष के लोग घर में चले गये. इसके बाद पुलिस ने दूसरे पक्ष के लोगों को घर जाने के लिए कहा. लेकिन, लोगों ने प्रशासन की बात नहीं मानी और पत्थरबाजी शुरू कर दी. तब प्रशासन ने दूसरे पक्ष के लोगों पर भी लाठीचार्ज किया. इस दौरान सदर एसडीओ और फोर्स के कई लोगों को पत्थर लगी. इसके बाद प्रशासन की ओर से लाठीचार्ज किया गया़ तब लोग घरों में गये. इसी दौरान गांव के बाहर खड़ी प्रशासन की गाड़ियों पर लोगों ने पत्थरबाजी कर दी. लाठीचार्ज की घटना के बाद गांव की मुख्य सड़क पर पत्थर ही पत्थर दिख रहे थे और सड़क पर हर जगह पुलिस के जवान तैनात थे.
घरों के बाहर की लाइट बुझा दी थी ग्रामीणों ने
गांव के किसी भी पोल में बल्ब या वेपर लाइट नहीं है
रांची : सुकरहुटू गांव की मुख्य सड़क पर लगे बिजली के किसी भी पोल में बल्ब या वेपर लाइट नहीं लगी है. सड़क किनारे के घरों के बाहर बल्ब लगा है, लेकिन पत्थरबाजी और झड़प की घटना के बाद लाइट को ग्रामीणों ने बुझा दिया था. एक समूह के लोगों द्वारा बिजली के तार को बांस से हिलाया जा रहा था. ताकि बिजली का तार गिर जाये और करंट लगने से दूसरे समूह के लोगों को नुकसान हो. हालांकि तार गिरा नहीं. लाठीचार्ज की घटना के बाद ग्रामीणों ने घरों के बाहर की लाइट को जलाया.
पत्थरबाजी की घटना दोनों तरफ से हुई. पहले एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के लोगों पर पत्थर बरसाये. जब पुलिस गांव में पहुंची, तब पुलिस पर भी पत्थर बराया. बाद में दूसरे पक्ष के लोगों ने भी प्रशासन के लोगों पर पत्थर फेंके. लोगों का कहना था कि पुलिस पत्थर बरसाने वाले दूसरे पक्ष के लोगों पर पहले कार्रवाई करे. फिर हमें घर जाने के लिए कहे.
हथियार लेकर घूम रहा था एक व्यक्ति
मुख्य सड़क पर एसडीओ भोर सिंह यादव जब ग्रामीणों को घर जाने के लिए कह रहे थे, तब एक ग्रामीण ने उनसे कहा कि हमारे थानेदार को पत्थर मारा है, हम नहीं घर जायेंगे. पहले सबक सिखायेंगे. इस पर एसडीओ ने कहा कि वह प्रशासन के आदमी हैं, उन्हें इसकी तकलीफ है. यहां धारा 144 लागू है. मैं एसडीओ हूं. आप घर जायें. इसी दौरान एक अन्य युवक वहां आ गया. वह बंदूक लिये हुए था. शुरू में पुलिस उसे प्रशासन का आदमी समझ रही थी.
एसडीओ ने जब उसके हाथ में हथियार देखा, तो पूछा कौन हो. एसडीओ ने हथियार छीनने की कोशिश की. इस दौरान पत्थरबाजी शुरू हो गयी और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. भगदड़ का लाभ उठा कर वह व्यक्ति भाग निकला.

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