हाजीपुर/महुआ सदर/राघोपुर : सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ आज रविवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया. चार दिवसीय महाअनुष्ठान के पहले दिन व्रतियों ने नदियों में स्नान कर अरवा चावल की भात, चने कि दाल एवं लौकी कि सब्जी बना कर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. आज व्रती खरना व्रत करेंगे,
वहीं मंगलवार को भगवान भास्कर को अर्घ देंगे. चैती छठ को लेकर बाजार में पूजन सामग्री खरीदने वालों कि काफी भीड़ देखी गयी. वहीं, अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न भागों के मठ एवं मंदिरों में रविवार को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप की पूजा की गयी. मनोकामना सिद्धि एवं बलिप्रथा के लिए प्रसिद्ध गोविंदपुर सिंधाड़ा में भी आज मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना पूरे विधान से कि गयी.
नहर-तालाब सूखे, कैसे होगी छठ : महनार रोड. क्षेत्र के अधिकतर पोखर, नदी, तलाब, कुओं एवं चापाकलों के सूख जाने से चैती छठ करनेवाले व्रतियों के लिए बहुत बड़ी समस्या बन गयी है. चैती छठ ने रविवार को नहाय-खाय किया. बहुत से व्रतियों ने गंगा स्नान कर नहाय-खाय किया. लेकिन अब चिंता बनी हुई है कि अर्घ के लिए हाथ कहां पर उठाया जायेगा. कार्तिक में तो लोग अपने दरवाजे पर गड्ढा खोद कर कुआं,
चापाकल अथवा बोरिंग से पानी डाल कर उसमें हाथ उठा लेते हैं. लेकिन, पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के कारण चापाकल, कुएं तथा बोरिंग के सूख जाने के कारण हाथ उठाने के लिए भारी परेशानी हो रही है. वाया नदी भी बिल्कुल सूखी हुई है. इससे वासुदेवपुर, सरमस्तपुर, मोहम्मदपुर, डेरपुरा पंचायत के लोगों जो चैती छठ कर रहे है, उन्हें बहुत परेशानी हो रही है. अब हाथ उठाने के लिए जो चापाकल चालू है, उसके अगल-बगल में गड्ढा खोद कर हाथ उठाने की तैयारी कर रहे हैं. तेज गरमी के कारण गड्ढे में पानी जमाने में कठिनाई हो रही है. पानी गड्ढा में डालने के बाद तेज धूप के कारण तुरंत सूख जा रहा है.