सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो हमारे देश में प्रति मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है. हर चार मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक आदमी की मौत होती है. इस हिसाब से प्रतिदिन कितने लोगों की जान जा रही है,
यह आसानी से समझा जा सकता है. इन दुर्घटनाओं में 78 प्रतिशत मामले चालक की लापरवाही सामने आया है. जिले में रफ्तार का कहर ऐसा बरपा कि साल भर में डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसे में हो चुकी है. 600 से अधिक लोग दुर्घटना में घायल हुए हैं.
ऐसे में नियमों की अनदेखी, नाबालिग के हाथ में स्टेयरिंग, नशे की हालत में गाड़ी चलाना, बिना हेलमेट के बाइक और बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना व ओवरलोडिंग पर नकेल कस प्रशासन हादसे व असामयिक मौत में कमी ला सकता है.
एक पखवारे में आठ लोगों की हो चुकी है सड़क दुर्घटनाओं में मौत
बीते साल 600 से अधिक लोग दुर्घटना में हो चुके हैं घायल
हाजीपुर : लहू जो इस कदर सड़कों पे बह रहा है यहां, लहू-लहू न हो पानी की धार हो जैसे, यूं बेअसर हुई है आदमी की चीख यहां, कि मरते जानवरों की पुकार हो जैसे. बेलगाम दुर्घटनाओं से वैशाली जिले की लहूलुहान सडकें एक कविता की इन पंक्तियों की याद दिला रही हैं. सड़कों पर सरपट दौड़ती गाड़ियां इस तरह लोगों को ठोकती-कुचलती निकल रही हैं कि जैसे इंसान की जिंदगी की कोई कीमत ही न हो. सरकारी आंकड़े पर गौर करें तो हमारे देश में प्रति मिनट एक सड़क दुर्घटना होती है.
हर चार मिनट पर सड़क दुर्घटना में एक आदमी की मौत होती है. इस हिसाब से प्रतिदिन कितने लोगों की जान जा रही है, यह आसानी से समझा जा सकता है. जिले की सड़कों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं गति सीमा का उल्लंघन कर ज्यादा स्पीड में वाहन चलाने के कारण हो रही हैं.
दुर्घटना से शुरू हुआ नया साल : गुजरे साल में जिले के विभिन्न मार्गों पर हुई दुर्घटनाओं में लगभग 150 लोगों की जानें गयीं और लगभग 600 लोग जख्मी हुए थे. उन हादसों के दर्द और चीख-पुकार को भूल जायें, तो नये साल की शुरुआत भी सड़क हादसे में एक युवक की दर्दनाक मौत से हुई.
याद करिये एक जनवरी की उस घटना को जब जिले के महुआ थाना क्षेत्र में 30 वर्षीय युवक रंजीत चौधरी को एक अनियंत्रित पिकअप वैन ने कुचल डाला था. युवक अपनी बाइक से अपने 12 वर्षीय बेटे को नये साल पर घूमाने के लिए निकला था. तब से कोई दिन ऐसा नहीं बीता, जब जिले में सड़क हादसा न हुआ हो. एक पखवारे के अंदर जिले में आठ लोगों की दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी है.
सड़क सुरक्षा सप्ताह ने सोचने का दिया मौका : इसमें दो राय नहीं कि 10 से 16 जनवरी तक मनाये गये सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जिला प्रशासन एवं सामाजिक संगठनों ने जन जागरूकता के प्रति गंभीरता दिखाई. सड़क दुर्घटनाओं के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये गये.
नियमों की अनदेखी कर गाड़ी चलाने वालों को गांधीगीरी की तर्ज पर रोका-टोका भी गया, नसीहतें भी दी गयी और जुर्माने भी वसूले गये. इस अभियान के संदेश का कितना असर हुआ, यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोग सोचने, समझने और नियमों के साथ चलने को तैयार होते है या नहीं.
पहली जनवरी से अब तक सड़क हादसे में मौत
1 जनवरी- महुआ में सिंहराय पूर्वी टोला के निकट पिकअप वैन की ठोकर से छतवारा गांव के 30 वर्षीय रंजीत कुमार चौधरी की मौत.
2 जनवरी- सराय थाना क्षेत्र के शीतल भकुरहर में ट्रक से कुचल कर टेंपो चालक मोनू पटेल की मौत.
4 जनवरी- देसरी थाना क्षेत्र में गाजीपुर के समीप एनएच 103 पर बोलेरो के धक्के से घायल 45 वर्षीया उर्मिला देवी की इलाज के दौरान मौत.
5 जनवरी- हाजीपुर-जंदाहा मार्ग पर हरपुर के निकट पातेपुर के इंदिरा आवास पर्यवेक्षक रविभूषण की ट्रैक्टर की ठोकर से मौत.
11 जनवरी- सदर थाने के दिग्धी के निकट एनएच 77 पर पत्नी के साथ बाइक से जा रहे गौसपुर इजरा निवासी नरेंद्र सिंह की ट्रक की ठोकर से मौत.
13 जनवरी- एनएच 77 पर भगवानपुर के निकट हरिवंशपुर निवासी जगेश्वर मांझी की पत्नी गोपिया देवी की वाहन की ठोकर से मौत.
14 जनवरी- जंदाहा से सिमरा स्थित अपने घर जा रहे साइकिल सवार राज कुमार राय को मक्कनपुर के पास ट्रक से कुचल कर मौत.
14 जनवरी- जंदाहा थाने के चकफतह गांव के निकट ट्रैक्टर की ठोकर से बहुआरा निवासी 35 वर्षीय युवक संजय पासवान की मौत.
18 जनवरी- हाजीपुर के पासवान चौक के पास धर्मेंद्र पासवान की दो बाइकों की टक्कर में मौत
जनवरी माह के प्रथम पखवारे में जिले के अन्य थाना क्षेत्रों में हुए अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 85 लोग घायल हो चुके है.