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36 ग्रामीण जलापूर्ति केंद्रों में से बंद पड़े हैं 18 जलापूर्ति केंद्र

जैसे-जैसे गरमी बढ़ रही है, लोगों के सामने पेयजल का संकट पर बढ़ रहा है. पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोगों में असंतोष देखा जा रहा है. जिले के लाखों लोगों के सामने पेयजल की किल्लत है. गरमी भी दस्तक दे चुकी है. जाहिर तौर गरमी में ज्यादा पानी की जरूरत […]

जैसे-जैसे गरमी बढ़ रही है, लोगों के सामने पेयजल का संकट पर बढ़ रहा है. पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोगों में असंतोष देखा जा रहा है. जिले के लाखों लोगों के सामने पेयजल की किल्लत है. गरमी भी दस्तक दे चुकी है. जाहिर तौर गरमी में ज्यादा पानी की जरूरत होगी. लेकिन, इसके लिए समुचित व्यवस्था होती नहीं दिखती.
हाजीपुर : जिले के लोगों उम्मीद थी कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग जिले के बंद पड़ी जलापूर्ति योजनाओं को चालू करने और खराब पड़े चापाकलों को दुरुस्त करने में तत्परता दिखायेगा, लेकिन विभाग की कच्छप गति ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
नयी योजनाएं और नये चापाकलों की बात तो अपनी जगह है, जलापूर्ति के लिए जो पहले से मौजूद साधन और स्नेत हैं, उन्हें भी सुचारु बनाये रखने में पीएचइडी नाकाम साबित हुआ है. जिले के 36 ग्रामीण जलापूर्ति केंद्रों में 18 के बंद रहने और पांच हजार से अधिक चापाकलों के खराब होने के कारण लाखों की आबादी शुद्ध पेयजल को तरस रही है.
पानी कैसे पहुंचे : शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक कई जगह पानी सप्लाइ के लिए बिछाये गये पाइप फटे हुई हैं. इसका नतीजा है कि पीने का पानी यूं ही बरबाद हो रहा है, लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. ग्रामीण इलाके में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलापूर्ति केंद्रों से व्यवस्था की गयी. केंद्र से गांव-टोले के लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछायी गयीं. बिछायी गयी पीबीसी पाइप ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पायीं. लगभग सभी केंद्रों की पाइप क्षतिग्रस्त हैं.
सड़क निर्माण में क्षतिग्रस्त हुए पाइप : हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच 77 के चौड़ीकरण में अनेक जगहों पर पाइप के क्षतिग्रस्त हो जाने से कई जलापूर्ति योजनाएं वर्षो से बंद हैं. जिले के सराय, भगवानपुर, गोरौल आदि जलापूर्ति केंद्रों से बीते चार वर्षो के दौरान लोगों के घरों तक नहीं पहुंचा. अभी तक यह समस्या बनी हुई है. सदर प्रखंड के दिग्धी स्थित जलापूर्ति केंद्र के पाइप भी सड़क चौड़ीकरण में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
शहरी क्षेत्र की बात करें तो यहां भी लगभग दो दर्जन स्थानों पर पानी सप्लाइ की पाइप फटे पड़े हैं. इन क्षतिग्रस्त पाइपों की जगह नयी पाइप बिछाने का काम तो हुआ नहीं, इनकी भी मरम्मत नहीं की जा सकी है.
मरम्मत की कमी से पानी आपूर्ति बंद : जिले के गंगा तटीय इलाके में बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना के नाम पर पुराने जलापूर्ति केंद्रों का मेंटनेंस भी बंद हो गया. इसके चलते पानी की सप्लाइ बंद हो गयी. जिले के चार प्रखंडों हाजीपुर, बिदुपुर, सहदेई बुजुर्ग और देसरी के जलापूर्ति केंद्रों की स्थिति जजर्र है.
इन केंद्रों की 80 प्रतिशत पाइप क्षतिग्रस्त है. बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना, जिसके तहत गंगा का पानी साफ कर लगभग 80 गांवों को आर्सेनिक मुक्त पानी उपलब्ध कराना है. इसी योजना से पानी सप्लाइ के बहाने इन क्षेत्रों में पहले से बने जलापूर्ति केंद्रों का मरम्मत बंद कर दिया गया. वर्ष 2011 के अंत तक पूरी होने वाली योजना वर्ष 2015 में भी अधूरी पड़ी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम अब शीघ्र पूरा होने वाला है. इसी योजना के तहत अब नई पाइप लाइन लगायी जायेगी. नई पाइप लाइन के बाद जलापूर्ति पंपों से जोड़ कर शीघ्र पानी के सप्लाइ शुरू करा दी जायेगी.
इ.रामचंद्र प्रसाद, कार्यपालक अभियंता

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