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प्रमुख सहित 200 अज्ञात पर प्राथमिकी

मामला अभद्रता का. विधायक ने कहा, मेरे साथ नहीं हुई थी धक्का-मुक्की बीते 24 मई को प्रखंड प्रमुख राम प्रवेश यादव के समर्थकों द्वारा स्थानीय विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव के साथ हुए अभद्र व्यवहार के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. सुपौल : जिले के निर्मली प्रखंड स्थित डगमारा में पंचायत सरकार भवन उद्घाटन […]

मामला अभद्रता का. विधायक ने कहा, मेरे साथ नहीं हुई थी धक्का-मुक्की

बीते 24 मई को प्रखंड प्रमुख राम प्रवेश यादव के समर्थकों द्वारा स्थानीय विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव के साथ हुए अभद्र व्यवहार के मामले ने नया मोड़ ले लिया है.
सुपौल : जिले के निर्मली प्रखंड स्थित डगमारा में पंचायत सरकार भवन उद्घाटन के दौरान प्रखंड प्रमुख राम प्रवेश यादव के समर्थकों द्वारा स्थानीय विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव के साथ हुए अभद्र व्यवहार के मामले ने नया मोड़ ले लिया है. जनप्रतिनिधियों के बीच उपजे विवाद की खबर कानोंकान फैलते ही जहां क्षेत्र भर में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.
वहीं उद‍्घाटन स्थल पर काफी समय तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा. बीते 24 मई को घटित हुई इस मामले में उद‍्घाटन स्थल पर तैनात दंडाधिकारी सह सीओ मरौना कृष्ण कुमार यादव ने थाना को आवेदन देकर प्रखंड प्रमुख निर्मली राम प्रवेश यादव, सरपंच डगमारा महेंद्र प्रसाद साह, उप मुखिया श्रीप्रसाद मेहता व गंगा प्रसाद साह सहित 200 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. हालांकि दंडाधिकारी श्री यादव ने नामजद कराये गये चार लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाये जाने की बात कही है. दर्ज प्राथमिकी में विधायक के ऊपर कुरसी, छाता, गिट्टी व जूता-चप्पल फेंके जाने का भी जिक्र किया गया है.
विधायक के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग : दंडाधिकारी सह सीओ मरौना कृष्ण कुमार यादव ने थाना को दिये आवेदन में बताया है कि समारोह की सफलता को लेकर अनुमंडल प्रशासन द्वारा दंडाधिकारी के रूप में उनके साथ बीडीओ परशुराम सिंह की तैनाती की गयी थी. साथ ही विधि व्यवस्था बनाये रखने हेतु डीसीएलआर निर्मली को वरीय पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित किया गया था. जहां निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप पुलिस बल के साथ पदाधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे.
जहां उन्होंने देखा कि कार्यक्रम स्थल पर कुछ लोग काली पट्टी व काला झंडा लेकर कार्यक्रम स्थल पर मौजूद हैं. वहीं कुछ लोग माइक पकड़ कर स्थानीय विधायक के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए नारेबाजी भी कर रहे थे. मौके पर ही स्थिति से उन्होंने एसडीओ को अवगत कराया. जहां एसडीओ, एसडीपीओ, पुलिस निरीक्षक निर्मली सहित मरौना,
निर्मली, कुनौली व नदी थाना के थानाध्यक्ष कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. पदाधिकारियों के पहुंचने के कुछ पल बाद ही स्थानीय विधायक श्री यादव कार्यक्रम स्थल पहुंचे. विधायक के पहुंचते ही लोगों ने विरोध जताते हुए उनकी तरफ दौड़ पड़े.
मेरे विरुद्ध लगातार साजिश चल रही है. कायदे से प्रखंड प्रमुख होने के नाते शिलापट्ट पर मेरा नाम रहना चाहिए था. मझारी में भी शिलापट्ट पर मेरा नाम नहीं था. कहीं से भी यह उचित नहीं है. मेरे विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी में राजनीति की बू आ रही है. इसे राजनीति नहीं कहते हैं.
राम प्रवेश यादव, प्रखंड प्रमुख, निर्मली
घटना से आहत हैं क्षेत्रवासी
पंचायत वासियों ने बताया कि जनता के आशीर्वाद से जनप्रतिनिधियों को चुना जाता है. लेकिन डगमारा पंचायत सरकार भवन के उद‍्घाटन से पूर्व जिस प्रकार का कृत्य स्थानीय विधायक व प्रखंड प्रमुख ने जनता को दिखाया है. इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि जनप्रतिनिधि समाज के बीच अपनी वर्चस्व स्थापित करना चाहते हैं. जो कतई सही नहीं है. बताया कि उद‍्घाटन का कार्य पूर्ण नहीं होने से जहां आयोजित कार्यक्रम को लेकर खर्च की गयी सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया. वहीं क्षेत्र के विकास की गति पर भी विराम लगा हुआ है. कहा कि डगमारा में हुई इस घटना ने जनता के पैसे का दुरुपयोग कर वर्चस्वता दिखा रहे जन प्रतिनिधियों के प्रति सोचने पर विवश कर दिया है.
क्या है मामला
डगमारा स्थित योजना एवं विकास विभाग मद से 91 लाख 94 हजार 366 रुपये की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया गया. जहां स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल द्वारा पंचायत सरकार भवन पर अंकित शिलापट्ट के ऊपर स्थानीय विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव सहित जदयू प्रखंड अध्यक्ष निर्मली नथुनी मंडल व जिला परिषद क्षेत्र संख्या तीन वीणा देवी का नाम अंकित था. जिसका प्रखंड प्रमुख राम प्रवेश यादव द्वारा विरोध किया गया.
प्रमुख समर्थकों द्वारा कहा जा रहा था कि स्थानीय विधायक के इशारे पर इस तरीके का कार्य किया गया है. समर्थकों का कहना था कि पंचायत सरकार भवन में लगाये गये शिलापट्ट पर जदयू प्रखंड अध्यक्ष के नाम का क्या औचित्य है? गरिमामयी उपस्थिति में प्रखंड प्रमुख का नाम अंकित कराना चाहिए ना कि जदयू प्रखंड अध्यक्ष का.
विकास पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
विरोध जताने और गुस्सा दिखाने के लिए नेताओं पर जूते- चप्पल या स्याही-अंडे फेंकने और उछालने के मामले दुनिया भर में होते रहे हैं. लेकिन यहां स्थिति अलग है. समाज के सुलझे विचारधारा वाले लोगों का कहना है कि सकारात्मक आलोचना व विरोध ठीक है. मगर कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है.
लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यही है स्वतंत्रता का अधिकार? जो भी हो लेकिन प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से विधायक पर जूते- चप्पल फेंके जाने की चर्चा चहुंओर हो रही है. इधर विधायक ने घटना के दिन अपने साथ धक्का-मुक्की की बात से इनकार किया है. कुल मिलाकर जो भी हो लेकिन विधायक व प्रमुख के बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई का विकास कार्यों पर असर पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता.

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