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बारिश ने जहां लोगों को गरमी से थोड़ी राहत दी, वहीं मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. बरसात से पूर्व उपजे इस समस्या ने नगर प्रशासन सहित पंचायती राज व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. सुपौल : जिले भर में शुक्रवार की सुबह हुई बारिश ने […]

बारिश ने जहां लोगों को गरमी से थोड़ी राहत दी, वहीं मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. बरसात से पूर्व उपजे इस समस्या ने नगर प्रशासन सहित पंचायती राज व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी.
सुपौल : जिले भर में शुक्रवार की सुबह हुई बारिश ने लोगों को जहां गरमी से थोड़ी राहत दी. वहीं बारिश से मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी.
बरसात से पूर्व उपजे इस समस्या ने नगर प्रशासन सहित पंचायती राज व्यवस्था की पोल खोल दी है. दिन भर ऐसा आलम बना रहा कि कुछ गलियों व मुहल्लों में जलजमाव होने से लोगों को जहां पैदल चलने में परेशानी हुई. यहां तक कि सरकारी कार्यालय सहित अन्य संस्थानों के परिसर में भी पानी जमा हो गया. जहां स्कूल जाने में बच्चों को पानी का सामना करने पर विवश होना पड़ा. वहीं कार्यालय के लिए जाने वाले लोगों को डबल मार झेलनी पड़ी. झील सी बनीं सड़कों पर आने-जाने की समस्या बनी रही.
शुक्रवार की सुबह हुई बारिश से कई गली-मोहल्ले के सड़कों पर पानी जमा हो गया. पानी के कारण कई लोगों को आवश्यक कार्य रहने के बावजूद वे सभी घर में दुबके रहे. लोगों का कहना था कि जनसुविधा पर शासन व प्रशासन का बहुत अधिक ध्यान नहीं है. जन प्रतिनिधियों का भी इस ओर से ध्यान हटा हुआ है. नतीजतन लोग परेशान हैं. सामाजिक संगठन व राजनीतिक दल भी जनसुविधाएं बढ़ाने के लिए शासन पर दबाव नहीं बना रहे हैं. इस कारण बिजली, पानी, सड़कों की दशा नहीं सुधर पा रही है.
बरसात मौसम में बढ़ेंगी मुश्किलें
बारिश ने संकेत दे दिया है कि बरसात के मौसम में मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती है. लगातार बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जल जमाव की स्थिति पैदा हो जायेगी.
माना जा रहा है कि प्रशासन द्वारा पूरे शहर में जल निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं की गयी है. साफ-सफाई के प्रति उदासीनता बरते जाने के कारण नालियां पहले से ओवरफ्लो होती रहती है. ऐसे में नाली का पानी हमेशा सड़कों पर बहता रहता है. बारिश के बाद नाली व सड़क एक हो जाती है.
बारिश के बाद नरक में तब्दील हुआ पिपरा : पिपरा. मानसून अभी आया भी नहीं कि पिपरा बाजार की मुख्य सड़कों पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. शुक्रवार की सुबह हुई मूसलधार बारिश से बाजार की स्थिति नारकीय हो गयी है. बारिश की वजह से महावीर चौक से गुजरने वाली एनएच 327 ई मुख्य सड़क पर राम जानकारी मंदिर के सामने घुटना भर पानी लग गया. जिसके कारण इस सड़क पर पैदल चलना लोगों के लिए मुश्किल भरा है.
जबकि इस हो कर बड़े वाहनों का परिचालन हमेशा होते रहता है. लोगों का कहना है कि सड़क की जर्जर हालत की वजह प्रशासनिक उदासीनता है. कहा कि पूर्व में सांसद मद से सड़क के किनारे नाला का निर्माण कराया गया था. लेकिन सड़क के जीर्णोद्धार के क्रम में निर्मित नाला का वजूद मिट गया. जिसके कारण जलजमाव की स्थिति यहां आम हो गयी है.
लोगों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए जलजमाव की स्थिति से निजात की गुहार लगायी है. मरौना प्रतिनिधि के अनुसार, शुक्रवार की सुबह तेज आंधी व बारिश के कारण आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बेमौसम हुई बारिश का असर लोगों की दिनचर्या समेत मौसमी फसलों पर भी पड़ा. बारिश की वजह से विद्यालय जाने वाले छात्रों व अन्य रोजगार से जुड़े लोगों के समय सारिणी पर भी असर पड़ा.
धूप की तेज तपिश झेल रहे जिले वासियों को शुक्रवार को आसमान पर छाये बदरों ने न सिर्फ राहत दी बल्कि आफत भी दे दी. सुबह करीब 06:30 बजे से शुरू हुई झमाझम बारिश ने ऐसा कोहराम मचाया कि संपूर्ण जिला पानी-पानी हो गया. शहर की सड़कों ने जहां झील का रूप ले लिया.
वहीं कई वार्डों व गांव की गलियां भी बड़े नालों से कम नहीं रहीं. जैसे तैसे लोग अपने अपने दफ्तर पहुंचे, लेकिन आसमान पर छाये बदरों ने अपनी मेहरबानी कम नहीं की. दोपहर तक रूक रूक कर बारिश होती रही और दिन भर शहर की सड़कों पर पानी भरने से जाम की समस्या रही. झमाझम बारिश से जगह-जगह सड़क पर भारी मात्रा में पानी का जमाव देखा गया. वहीं घर व दरवाजे में पानी भरने से लोगों का जीना मुहाल हो गया.
मूंग व मक्के को भारी क्षति
घर से पानी की निकासी के लिए नाली तक नहीं बनायी गयी है. लिहाजा ग्रामीणों द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कच्ची नाली के सहारे पानी के जमाव को हटाने का प्रयास किया जाता है. गंभीर समस्या का अस्थायी निदान किये जाने के कारण गंदा पानी अक्सर रास्ते में भरा रहता है.
इससे गांव में गंदगी जमा रहती है. शुक्रवार को हुई बारिश ने जहां मूंग की फसल को अपने आगोश में ले लिया. वहीं खेतों से कटाई कर तैयार कराने के लिए रखे मक्का की फसल को क्षति पहुंची है. साथ ही खेतों में लहलहाते गरमा धान को बारिश के साथ चली हवाओं ने तितर-बितर कर दिया, लेकिन बारिश ने किसानों के अरमान पर पानी फेर दिया.

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