सुपौल : किसनपुर प्रखंड के राजपुर पंचायत के लोगों ने मांगों के समर्थन में सुपौल-भपटियाही एनएच 327 ए को नेमनमा चौक पर लगभग साढ़े तीन घंटा जाम रखा. पंचायत के वार्ड नंबर 08, 09 और 10 के सैकड़ों लोगों ने सुबह आठ बजे से लगभग साढ़े ग्यारह बजे तक उस सड़क को जाम किया. लोगों […]
सुपौल : किसनपुर प्रखंड के राजपुर पंचायत के लोगों ने मांगों के समर्थन में सुपौल-भपटियाही एनएच 327 ए को नेमनमा चौक पर लगभग साढ़े तीन घंटा जाम रखा. पंचायत के वार्ड नंबर 08, 09 और 10 के सैकड़ों लोगों ने सुबह आठ बजे से लगभग साढ़े ग्यारह बजे तक उस सड़क को जाम किया. लोगों का आरोप था कि विकास की बात इन तीनों वार्डों के लोगों के बेइमानी ही है.
कहा वार्ड की समस्या की बाबत कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक दरवाजा खटखटाया. बावजूद अभी तक उपरोक्त वार्डों के विकास के लिए किसी ने पहल नहीं की. जाम की वजह से उक्त सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. तपती धूप में सबसे ज्यादा परेशानी राहगीरों को हुई. जिन्हें जाम की वजह से घंटो इंतजार करना पड़ा. जाम की सूचना पर लगभग 09:30 बजे किसनपुर थानाध्यक्ष अपने पुलिस बल के साथ जाम स्थल पर पहुंचे और जाम हटाने का प्रयास किया.
लेकिन पंचायत की जनता मौके पर उच्च अधिकारियों की मांग कर रहे थे. तब तक जाम स्थल पर बीडीओ बिरेंद्र कुमार, सीओ अजीत कुमार लाल और बिजली विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर पहुंचे और जाम कर रहे लोगों को मनाने का प्रयास किया. अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों के समस्या के निदान का आश्वासन दिये जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जाम समाप्त किया.
क्या है पंचायत की समस्या
जाम कर रहे लोगों में मुकेश कुमार, सोनू कुमार, मो उस्मान, उपेंद्र राम, सुजीत कुमार, मो हममीजूल, मो एयाज, इंद्रजीत कुमार, मनीष कुमार, सुभाष कुमार आदि ने बताया कि राजपुर पंचायत के वार्ड नंबर 08, 09 और 10 में समस्याओं का अंबार है. सबसे मूल समस्या सड़क, पानी और बिजली की है. लोगों का कहना था कि इन वार्डों की समस्या को लेकर हमलोग क्षेत्रीय सांसद, उप प्रमुख किसनपुर, स्थानीय विधायक, डीएम, एसडीओ व कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग को आवेदन देकर पंचायत के विकास की समस्याओं से अवगत कराते हुए उसके निदान का गुहार लगाया.
लोगों ने बताया कि गत 13 मई 2017 को थाना में आवेदन देकर सूचना भी दिया गया कि यदि पंचायत की समस्या के निदान के लिए विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं किया गया, तो मांगों के समर्थन में ग्रामीण जाम कर अपनी आवाज को उठाएंगे. जब चुनाव का समय आता है प्रत्याशियों द्वारा लोमहर्षक वायदे जनता के साथ किये जाते हैं. चुनाव जीतने के बाद जनता के दुख दर्द से इन्हें कोई लेना-देना नहीं होता है.