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मां-बेटा जख्मी, किया सड़क जाम

आक्रोश. विद्युत प्रवाहित तार टूट कर गिरने से दो मवेशियों की मौत दरवाजे के ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन बिजली तार के टूट कर गिर जाने से दरवाजे पर बंधी दो भैंस विद्युत तार की चपेट में आ गयी, जिससे मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं मवेशी की छटपटाहट देख छह वर्षीय बालक नीरज […]

आक्रोश. विद्युत प्रवाहित तार टूट कर गिरने से दो मवेशियों की मौत

दरवाजे के ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन बिजली तार के टूट कर गिर जाने से दरवाजे पर बंधी दो भैंस विद्युत तार की चपेट में आ गयी, जिससे मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं मवेशी की छटपटाहट देख छह वर्षीय बालक नीरज कुमार भैंस की ओर भागा, जब तक लोग कुछ समझ पाते, देखते ही देखते बच्चे भी करंट की चपेट में आ गये.
सुपौल : सदर प्रखंड के हरदी पूरब पंचायत स्थित चौघारा गांव बुधवार की संध्या 06:30 बजे स्थानीय भुवनेश्वरी यादव के दरवाजे के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली तार अचानक टूट कर गिर गया. जहां दरवाजे पर बंधी दो भैंस की करंट प्रवाहित विद्युत तार की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं मवेशी की छटपटाहट देख छह वर्षीय बालक नीरज कुमार भैंस की ओर भागा. जब तक लोग कुछ समझ पाते, देखते ही देखते बच्चे भी करंट की चपेट में आ गया.
साथ ही अपने बच्चे को बचाने मौके पर पहुंची माता सावित्री देवी भी करंट के संपर्क में आ गयी. हो-हल्ला सुन घटना स्थल पर पहुंची चंद्रिका देवी, किसनी देवी, संजीव कुमार व प्रिंस कुमार द्वारा काफी मशक्कत के बाद उन लोगों को बिजली तार से हटाया गया. लेकिन तब तक नीरज व उनकी माता सावित्री देवी गंभीर रूप से जख्मी हो गये. आनन-फानन में ग्रामीणों ने जख्मियों को सदर अस्पताल पहुंचाया. जहां वे उपचाररत हैं. इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने गुरुवार की सुबह सुपौल-सिंहेश्वर मुख्य मार्ग को तिलावे नदी के समीप घंटो जाम कर प्रदर्शन किया.
जिससे आने-जाने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा तथा दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी.
जानकारी के अनुसार सदर प्रखंड के हरदी पूरब पंचायत स्थित चौघारा गांव के ग्रामीणों ने गुरुवार को सुपौल-सिंहेश्वर मुख्य मार्ग को जाम कर बिजली विभाग के खिलाफ जम कर प्रदर्शन व नारेबाजी की.
जाम की सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष राजेश्वर सिंह, अनि सदानंद यादव, शशिधर सिंह, कमल राम, अंचलाधिकारी रमेश कुमार सिंह जाम स्थल पर पहुंच कर प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि सन‍् 1980 में जो विद्युतीकरण किया गया है. उसके बाद से आज तक कभी भी हाईटेंशन तार की मरम्मत नहीं की गयी है. साथ ही हो रहे विद्युत आपूर्ति खंभे की दूरी की कमी भी गिनाया. साथ ही घायलों व मवेशी के मौत की उचित मुआवजा की मांग पर अड़े रहे.
प्रभारी अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष श्री सिंह के द्वारा काफी मशक्कत के बाद जिला पदाधिकारी से दूरभाष पर वार्ता के उपरांत आक्रोशितों को आश्वस्त कराया. जिसके बाद जाम को समाप्त कराया गया.
विभागीय कार्यशैली से ग्रामीण आक्रोशित
गौरतलब हो कि बुधवार की संध्या 06:30 बजे जब विद्युत प्रवाहित तार टूट कर गिरा. उस वक्त स्थानीय लोगों द्वारा कई बार विभागीय जेई, एसडीओ व सब पावर ग्रिड में फोन लगाया गया. जहां फोन की घंटी बजती रही. लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. ग्रामीणों का कहना था कि यदि विभाग द्वारा ससमय फोन उठा लिया जाता तो मवेशी असमय काल कवलित नहीं होता. साथ ही महिला व बच्चे जख्मी नहीं होते. विभागीय कार्यशैली से आहत ग्रामीणों ने बताया कि घटना के तकरीबन एक घंटे बाद किसी प्रकार लाइनमेन से संपर्क हुआ. तब जाकर विद्युत तार से करंट को निष्क्रिय किया गया. बताया कि आक्रोशित ग्रामीणों ने आनन-फानन में घायल को सदर अस्पताल भेजा. वहीं मौके पर सूचना मिलते ही हरदी कैंप में तैनात सअनि कमल राम सदल बल घटना स्थल पर पहुंच कर घटना की जानकारी ली तथा अपने अधिकारियों को इसकी सूचना दी.

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