कटैया निर्मली : जिला मुख्यालय में सोमवार को फर्नीचर व्यवसायी की गोली मार कर हुई हत्या में मृतक सुभाष सिंह के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पिपरा प्रखंड के हटवरिया गांव लाया गया. शव के गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं असमय हुई सुभाष की मौत से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छाया रहा. मृतक की पत्नी रानी सिंह का रो-रोकर बुरा हाल था. जो अपने पति के शव के पास विलाप करती नजर आ रही थी.
वो बार-बार एक ही रट लगा रही थी कि अब वह और उसका परिवार किसके सहारे चलेगा. छोटे बच्चे की पढ़ाई-लिखाई कैसे होगी. वहीं मृतक के बड़े भाई नरेश प्रसाद सिंह का हाल भी वैसा ही था. जिनका रोते-रोते आंखों का आंसू तक सूख गया था. वे एक ही बात कहते थे कि उनके परिवार का पालनहार चला गया. मालूम हो कि चार भाइयों में सबसे छोटा मृतक सुभाष सिंह परिवार का एक मात्र कमाउ पुत्र था. जिस पर परिवार का सारा उत्तरदायित्व टिका था. मृतक के छोटे पुत्र नौ वर्षीय युवराज सिंह भी केवल टकटकी लगाये अपने पिता के शव को निहारता तो कभी रोते-बिलखते परिवार को देखता था.
मालूम हो कि मृतक अपने पीछे दो बेटी व एक बेटा युवराज को पीछे छोड़ गये हैं. मंगलवार को उनके पैतृक गांव में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में उनके पुत्र युवराज सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. उस समय माहौल पूरा गमगीन था. पत्नी रानी सिंह दो पुत्री कोमल कुमारी, कशिश कुमारी व अन्य परिवार के सदस्यों में मातमी सन्नाटा पसरा था. ग्रामीणों ने बताया कि डीएम बैद्यनाथ यादव द्वारा मृतक के परिवार को चार लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की गयी थी. जिसमें से एक भी रुपया अब तक पीड़ित परिवार को नहीं मिला है. लोगों का कहना था मृतक सुभाष पर ही सारे परिवार की जिम्मेवारी थी. अब उनके अंतिम संस्कार के लिए राशि कहां से आयेगी, इसी की चिंता सभी को है. लोगों ने प्रशासनिक तौर पर घोषणा की गयी राशि जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को मुहैया कराने की बात कही.