27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सड़क पर बहता है गंदा पानी

अनदेखी. हल्की बारिश से ही खुल जाती है व्यवस्था की पोल बारिश की पहली बौछार ही पूरे शहर को नरक में तब्दील कर देती है. नालों के नाम पर उल्टे-सीधे निर्माण से शहर वासी हलकान हैं. बजबजाती नालियां, सड़कों पर बहता गंदा पानी, इन सड़कों पर लोगों की चलने की मजबूरी है. सुपौल : तीन […]

अनदेखी. हल्की बारिश से ही खुल जाती है व्यवस्था की पोल

बारिश की पहली बौछार ही पूरे शहर को नरक में तब्दील कर देती है. नालों के नाम पर उल्टे-सीधे निर्माण से शहर वासी हलकान हैं. बजबजाती नालियां, सड़कों पर बहता गंदा पानी, इन सड़कों पर लोगों की चलने की मजबूरी है.
सुपौल : तीन हजार साल पहले हमारे पूर्वजों ने हड़प्पा में सीवर लाइन का निर्माण कर लिया था. शहर का गंदा पानी इनकी मदद से निकलता रहता था. यह आश्चर्य नहीं तो और क्या है कि सीवर लाइन के निर्माण पर यहां चर्चा तक नहीं होती है. ना टाउनशिप की कोई योजना है और ना ही कोई मास्टर प्लान. हां, एक बार कागज पर जरूर मास्टर प्लान के बाबत बड़ी-बड़ी बातें कही गयी थी. लेकिन कहते हैं ना कि बातें हैं बातों का क्या. बारिश की पहली बौछार ही पूरे शहर को नरक में तब्दील कर देती है.
नालों के नाम पर उल्टे-सीधे निर्माण से शहर वासी हलकान हैं. दबी जुबान से अधिकारियों का कहना है कि सड़कों का ऊंचीकरण हुआ है और नाला नीचे पड़ गया है सो परेशानी सामने आ रही है. यह सच है कि शहर का विकास हुआ है. लेकिन यह भी सोलहोआना सच है कि हल्की बारिश में भी शहर पानी-पानी हो जाता है. पेंट मोड़कर चलना लोगों की मजबूरी हुआ करती है.
नहीं है सीवर, मच्छर के कारण हो रहा फीवर
नप चुनाव 2017 का बिगुल फुंक चुका है. कुलबुलाते एजेंडे आकार पा रहे हैं. बजबजाती नालियां, सड़कों पर बहता गंदा पानी, इन सड़कों पर लोगों की चलने की मजबूरी. किये गये विकास का द्योतक है. आज की तारीख में बुनियादी नागरिक दरकार का मोरचा, रहनुमाओं-अधिकारियों को कठघरे में खड़ा करता है. निश्चित तौर पर शहर की जनता जवाब मांगेगी. इधर, जिला मुख्यालय में तरह-तरह के मच्छर हैं. लेकिन अब तक यहां मच्छर मुद्दा नहीं बन सका है.
मुद्दा भी भला कैसे बने, इससे किसी को तत्काल लाभ होने वाला तो है नहीं. नप के वार्ड पार्षदों को अंदरूनी राजनीति से ही फुर्सत नहीं है. लोगों का कहना है कि जल निकासी व मच्छर को बनाओं मुद्दा, भला करेगा खुदा. बताया गया कि मच्छर भगाने का टिकिया का भी अब कोई असर नहीं होता. हाल के दिनों में मच्छरों की बाढ़ सी आ गयी है. अब तो खाने के समय कौर के साथ मच्छर भी पेट में चला जाता है. वार्ड नंबर सात की अदिती कुमारी ने बताया कि न्यू कॉलोनी में बारहो मास गंदे जल का जमाव रहा करता है. फलस्वरूप यहां मच्छरों की तादात अधिक रहती है. लेकिन भैया, यहां ना तो मच्छर मुद्दा और ना ही जल निकासी.
मुद्दा है तो बस बिरादरी, ‘बिरादरी’ के पीछे की बिरादरी की राजनीति. इधर, गंदगी व मच्छर के कारण लोगबाग बीमार पड़ रहे हैं सो अलग. वैसे समस्याओं के बाबत नप की मुख्य पार्षद अर्चना कुमारी, उप मुख्य पार्षद रमेंद्र कुमार रमण काफी गंभीर हैं. लोगों की निगाहें भी मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद पर टिकी हुई है. बहरहाल, आगे-आगे देखिये होता है क्या.
न्यू कॉलोनी में होता है नरक का दर्शन
कीर्तन भवन से शनि मंदिर तक जाने वाली सड़क पर चल रहा है नाला निर्माण का कार्य. हल्की बारिश में धाराशायी हो गया है नाला
अधिकांश जगहों पर कचड़े से अटा-पटा है नाला
प्रभात सुझाव
नाला निर्माण प्रक्रिया में रखा जाय विशेष ख्याल
टाउनशिप के लिये बने मास्टर प्लान, फिर हो नाले का निर्माण
समय पर हो नाले की सफाई
मच्छरों पर नियंत्रण के लिये बने रणनीति
समस्याओं के बाबत मैं काफी गंभीर हूं. फंड भी आ चुका है, जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जायेगा.
सुशील कुमार मिश्रा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद सुपौल

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें