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धीमी गति से चल रहा आवास निर्माण, 14 वां है जिले का पायदान

सुपौल : सरकारी योजनाओं में कोसी की उपेक्षा का राजनीतिक भाषण तो हर किसी ने सुना ही होगा. लेकिन जब आम लोग ही शिथिल और उदासीन हो जायें तो शासन और प्रशासन दोनों की सिरदर्दी और भी अधिक बढ़ जाती है. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तमाम विकास कार्यों के बावजूद […]

सुपौल : सरकारी योजनाओं में कोसी की उपेक्षा का राजनीतिक भाषण तो हर किसी ने सुना ही होगा. लेकिन जब आम लोग ही शिथिल और उदासीन हो जायें तो शासन और प्रशासन दोनों की सिरदर्दी और भी अधिक बढ़ जाती है. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तमाम विकास कार्यों के बावजूद सुपौल सूबे के शीर्ष पिछड़े जिलों में शुमार है. वजह साफ है, कई योजनाएं ऐसी हैं जो लोगों तक नहीं पहुंचती है. वही कुछ ऐसी भी योजनाएं हैं, जिसके लाभ में लोगों को दिलचस्पी तो है,

लेकिन यह अभिरुचि राशि प्राप्त करने भर तक सीमित रह गया है. योजना को फलीभूत कराने पर स्वयं लाभुकों का ही ध्यान नहीं है. बात इसलिए कि प्रशासन के तमाम कवायद के बावजूद जिले में इंदिरा आवास योजना (अब प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत गरीबों के आवास निर्माण की रफ्तार इतनी धीमी है कि जिला 14 वें पायदान पर खिसक चुका है. आवास निर्माण में उदासीनता बरतने के कारण जनवरी माह तक ही जिले के विभिन्न थानों में 164 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है. दिलचस्प यह भी है कि इसमें जनवरी माह में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है.

14 हजार से अधिक लाभुकों को हो चुका है नोटिस : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जनवरी माह तक कुल 9316 लाभुकों को सफेद तथा 5196 लाभुकों को लाल नोटिस भेजा गया है. जबकि कुल 378 लाभुकों से आवास निर्माण पूर्ण नहीं करने के कारण नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है. इसमें 85 वाद जनवरी माह में दायर किये गये. सर्वाधिक 77 वाद प्रतापगंज तथा बसंतपुर में 08 नीलाम पत्र वाद जनवरी माह में दायर हुए. इसके साथ ही प्रतापगंज में वाद की संख्या 150 हो गयी. जबकि छातापुर में 84, बसंतपुर ने 79, सुपौल सदर में 35, राघोपुर में 25 तथा पिपरा में 05 वाद दायर हो चुके हैं.
शेष सभी प्रखंड में कोई नीलाम पत्र वाद दायर नहीं किया गया है. इसी प्रकार लाल नोटिस के मामले में 1448 नोटिस के साथ सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड शीर्ष पर है. जबकि बसंतपुर में 925, राघोपुर ने 904, प्रतापगंज में 515, सुपौल सदर में 432, मरौना में 291, पिपरा में 244, छातापुर में 216, निर्मली में 127, त्रिवेणीगंज में 48 तथा किसनपुर में 46 लोगों को लाल नोटिस जारी किया गया है. वही सफेद नोटिस के मामले में 3146 के साथ बसंतपुर टॉप पर है. जबकि सरायगढ़-भपटियाही में 1541, प्रतापगंज में 1490, राघोपुर में 1026, सुपौल सदर में 462, छातापुर में 450, मरौना में 372, पिपरा में 360, त्रिवेणीगंज में 185, निर्मली में 163 तथा किसनपुर में 121 लाभुकों को सफेद नोटिस जारी हुआ है.
प्राथमिकी के मामले में टॉप पर है सदर प्रखंड
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर माह के अंत तक ही इंदिरा आवास योजना का राशि उठाव करने के बावजूद निर्माण पूरा नहीं कराने के कारण 164 लाभुकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जबकि जनवरी माह में इस आंकड़े में कोई इजाफा नहीं हुआ है. हालांकि फरवरी माह के अंत तक यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है. बहरहाल अब तक के आंकड़ों के मुताबिक सदर प्रखंड क्षेत्र में सर्वाधिक 29 लाभुकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. वही प्रतापगंज में 23, त्रिवेणीगंज में 22, राघोपुर में 18, पिपरा में 15,, मरौना में 14, सरायगढ़-भपटियाही में 12, छातापुर में 10, बसंतपुर में 09, निर्मली में 07 तथा किसनपुर में सबसे कम 05 लाभुकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. प्रशासन के अनुसार लाल नोटिस के बावजूद निर्धारित अवधि में निर्माण संपन्न नहीं कराने वाले लाभुकों के विरुद्ध भी शीघ्र ही प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
मंथर गति से आवास निर्माण के कारण ही जिले का रैंक नीचे हुआ है. इसमें गति लाने के उद्देश्य से निर्धारित प्रावधानों के तहत सभी संबंधित लाभुकों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. अब तक 164 के विरुद्ध प्राथमिकी हुई है. शीघ्र ही यह आंकड़ा बढ़ सकता है.
विश्वजीत हेनरी, डीआरडीए निदेशक, सुपौल

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