सुपौल : समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में बुधवार को जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत लंबित मामले व पारित आदेश के संबंध में समीक्षा की गयी. जिसमें प्रधान सचिव सह मिशन निदेशक बिहार, पटना के पत्रांक 183 दिनांक 05 जून 2016 से प्रारंभ होने के आलोक में सभी लोक प्रधिकार को निर्देश दिया गया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दायर मामले की सुनवाई में निश्चित रूप से प्रतिवेदन के साथ संबंधित अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा.
भूमि का अतिक्रमण, सरकारी भूमि के आवंटियों को बेदखल किये जाने के कारण मामलों का स्वरूप उग्र होने की स्थिति में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जाती है. लिहाजा ऐसे मामले में संबंधित सीओ व थानाध्यक्ष द्वारा निष्पादन किया जायेगा. लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2016 के तहत लोक प्राधिकार के समक्ष दायर मामलों के आलोक में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी व अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा अतिक्रमण से संबेधित मामले, भू-मापी के मामले, सरकारी एवं भूदान भूमि के आवंटियों के बेदखली के मामले सहित अन्य पारित आदेश के आलोक में अनुपालन संबंधी प्रतिवेन प्रत्येक सप्ताह विहित प्रपत्र में उपलब्ध कराने का भी निर्देश डीएम ने दिया, जबकि सभी लोक प्राधिकार को निर्देश दिया कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम अंतर्गत दायर मामले से संबंधित कार्यालय स्तर पर एक पंजी संधारित कराया जायेगा.