डीएम ने निलंबन आदेश के बाद किसनपुर बीडीओ को प्रभार हस्तांतरण का निर्देश दिया. हालांकि बीडीओ ने इससे इनकार कर दिया है. बीडीओ का तर्क है कि उनके निलंबन के लिए डीएम सक्षम प्राधिकार नहीं हैं. इससे बिना हस्तांतरण के ही सरायगढ़-भपटियाही बीडीओ ने किसनपुर का प्रभार ग्रहण किया.
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बीडीओ के निलंबन पर संशय बरकरार विवाद. प्रभार हस्तांतरण से किया इनकार
डीएम ने निलंबन आदेश के बाद किसनपुर बीडीओ को प्रभार हस्तांतरण का निर्देश दिया. हालांकि बीडीओ ने इससे इनकार कर दिया है. बीडीओ का तर्क है कि उनके निलंबन के लिए डीएम सक्षम प्राधिकार नहीं हैं. इससे बिना हस्तांतरण के ही सरायगढ़-भपटियाही बीडीओ ने किसनपुर का प्रभार ग्रहण किया. सुपौल : हाल के दिनों में […]
सुपौल : हाल के दिनों में विवादों में घिरे किसनपुर बीडीओ गोपाल कृष्णन का निलंबन आदेश के बावजूद विवादों में ही है. ताजा विवाद इसलिये खड़ा हो उठा है कि बीडीओ श्री कृष्णन ने डीएम बैद्यनाथ यादव के उस निर्देश का अनुपालन करने से ही इनकार कर दिया है, जिसमें उन्हें सरकार के आदेश के आलोक में निलंबित करने की बात कही गयी है. शनिवार को समाहरणालय के सामान्य प्रशाखा से इस बाबत जारी पत्र में सरायगढ़-भपटियाही बीडीओ वीरेंद्र कुमार को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया गया था.
जिसके बाद बीडीओ श्री कुमार प्रभार ग्रहण करने के लिए किसनपुर प्रखंड कार्यालय पहुंचे. लेकिन बीडीओ गोपाल कृष्णन ने उन्हें प्रभार हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया. बीडीओ का तर्क था कि प्रभार हस्तांतरण अथवा निलंबन के मामले में जिलाधिकारी सक्षम प्राधिकार नहीं हैं. जबकि राज्य सरकार की ओर से उन्हें इस बाबत कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. जाहिर है श्री कृष्णन के इनकार के बाद भपटियाही बीडीओ को बैरंग वापस लौटना पड़ा.
डीएम ने दिया था दोनों बीडीओ को निर्देश
बीडीओ गोपाल कृष्णन के निलंबन को लेकर जिस पत्र से विवाद उठ खड़ा हुआ है, दरअसल वह आदेश पत्र जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव द्वारा जारी किया गया है. शनिवार को जिलाधिकारी श्री यादव ने ग्रामीण विकास विभाग पटना की अधिसूचना ज्ञापांक 296913 दिनांक 13 जनवरी 2017 का हवाला देते हुए किसनपुर व भपटियाही बीडीओ सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये थे. जारी पत्र में यह भी कहा गया था कि सरकार को निर्देश के आलोक में श्री कृष्णन को ग्रामीण विकास विभाग के पटना स्थित मुख्यालय में निलंबन अवधि के दौरान योगदान करना होगा.
लेकिन बीडीओ श्री कृष्णन का तर्क है कि ऐसा कोई आदेश न तो विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध है और न ही जिलाधिकारी द्वारा विभागीय आदेश की प्रति उन्हें उपलब्ध करायी गयी है. जबकि ऐसा कोई आदेश निर्गत करने का जिलाधिकारी को अधिकार ही नहीं है. ऐसे में वह नियमों के विपरीत प्रभार का हस्तांतरण नहीं कर सकते हैं.
आखिर क्यों है इतनी जल्दबाजी !
बीडीओ गोपाल कृष्णन ने न केवल प्रभार हस्तांतरण से इनकार कर दिया है, बल्कि उन्होंने जिलाधिकारी के आदेश पर भी कई सवाल खड़े किये हैं. प्रभात खबर से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन के मामले में पुलिस अधिकारियों जैसा कानून नहीं है. उन्होंने कहा कि पुलिस के मामले में एसपी के आदेश पर ही थानाध्यक्षों का तबादला और प्रभार हस्तांतरण हो जाता है. लेकिन सामान्य प्रशासन के मामले में नियंत्रण राज्य सरकार की सामान्य प्रशासन विभाग के हाथ में होती है. क्योंकि उनकी नियुक्ति भी राज्यपाल के माध्यम से होती है. उन्होंने कहा कि वास्तव में निलंबन के बाबत जिला प्रशासन को सरकार की ओर से कोई पत्र ही प्राप्त नहीं हुआ है. लेकिन व्यक्तिगत खुन्नस निकालने के लिये जिलाधिकारी द्वारा जल्दबाजी में उनके निलंबन का आदेश निर्गत कर दिया गया है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश की प्रति उन्हें नहीं मिलती है, वे प्रभार का हस्तांतरण नहीं करेंगे.
बीडीओ गोपाल कृष्णन द्वारा प्रभार का हस्तांतरण नहीं किया गया है. लेकिन शनिवार की शाम ही जिलाधिकारी के आदेश के आलोक में प्रभार ग्रहण कर लिया गया है.
वीरेंद्र कुमार, बीडीओ, सरायगढ़-भपटियाही
सरकार के निर्देश के आलोक में पत्र निर्गत किया गया है. प्रभार का हस्तांतरण कर लिया गया है. पत्र को लेकर कोई विवाद नहीं है.
बैद्यनाथ यादव, जिलाधिकारी, सुपौल
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