छातापुर : भीमपुर पुलिस की कार्यशैली ने सुपौल पुलिस के कार्य कुशलता पर दाग लगा दिया है. रविवार के दिन अररिया जिले के नरपतगंज थानाक्षेत्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. भीमपुर थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने नरपतगंज पुलिस के सहयोग से सड़क लूटकांड के एक अज्ञात युवक सहित उसके निशानदेही पर लूट का मोबाइल […]
छातापुर : भीमपुर पुलिस की कार्यशैली ने सुपौल पुलिस के कार्य कुशलता पर दाग लगा दिया है. रविवार के दिन अररिया जिले के नरपतगंज थानाक्षेत्र से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. भीमपुर थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने नरपतगंज पुलिस के सहयोग से सड़क लूटकांड के एक अज्ञात युवक सहित उसके निशानदेही पर लूट का मोबाइल खरीद करने वाले युवक को पकड़कर थाना लाया और देर रात ही लूट कांड के आरोपी को छोड़ दिया गया. पुलिस के इस कार्यशैली को लेकर स्थानीय लोगों के बीच तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त है.
हालांकि पुलिस के गिरफ्त में आया मोबाइल खरीदने वाले युवक के परिजन भी उसे छुड़वाने के लिए दिन से लेकर देर रात तक प्रयास करते रहे. लेकिन थानाध्यक्ष के द्वारा दूसरे युवक को नहीं छोड़े जाने से नाराज होकर हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान भीमपुर थाना परिसर भीड़ से पटा रहा. सोमवार के सुबह होते ही आक्रोशित लोगों का भीड़ बढ़ता चला गया. इधर भीमपुर पुलिस हिरासत में लिये गये मोबाइल खरीदने वाले युवक नरपतगंज थानाक्षेत्र के मधुरा पश्चिम निवासी विक्रम भगत को जेल भेजने की तैयारी में जुटी हुई थी. लेकिन परिजनों के विरोध के कारण घंटों तक थाना परिसर में हंगामा होता रहा.
परिजनों का कहना था कि भीमपुर और नरपतगंज पुलिस की संयुक्त रूप से की गयी छापेमारी में नरपतगंज थानाक्षेत्र के राजगंज निवासी मो शाहनवाज पिता मो नजीर को सड़क लूट की घटना के आरोप में गिरफ्तार किया गया. जिससे प्रारंभिक पूछताछ में घटना में शामिल रहने की बात स्वीकार करते लूट की मोबाइल विक्रम के हाथों बेचने की बात कही. जिसके बाद उसके निशानदेही पर विक्रम को भी गिरफ्तार कर लिया गया. परिजनों ने बताया कि जब गिरफ्तार अपराधी ने लूट की बात स्वीकार की और उसी के निशानदेही पर विक्रम को पकड़ा गया तो आखिर कौन सी परिस्थिति बनी की घटना में संलिप्तता स्वीकार करने वाले अपराधी को छोड़ दिया और उससे मोबाइल खरीदने वाले युवक को जेल भेजा भेजा जा रहा है.
हंगामा की सूचना के बाद डीएसपी त्रिवेणीगंज चंद्रशेखर विद्यार्थी पुलिस इंस्पेक्टर मदन प्रसाद सिंह भीमपुर थाना पहुंचे और वस्तुस्थिति से अवगत होने के बाद आक्रोशित लोगों से वार्ता शुरू की. इस दौरान कई जनप्रतिनिधि एवं राजनीतिक दल के प्रतिनिधि थाना पर मौजूद थे. परिजनों ने डीएसपी श्री विद्यार्थी को थानाध्यक्ष के रवैये से अवगत कराते कहा कि जब जेल ही भेजना था तो दोनों को भेजा जाना चाहिए था. लेकिन थानाध्यक्ष को प्रभाव में लेकर शाहनवाज के परिजन उसे देर रात ही छुड़ा ले गये. घटनाक्रम से अचंभित डीएसपी एवं इंस्पेक्टर ने आक्रोशित लोगों से वार्ता की और दूसरे युवक को भी छोड़ दिया गया. इस मामले को लेकर रविवार व सोमवार के दिन भीमपुर थाना चौक पर गहमागहमी बनी रही.