सुपौल : सरकार द्वारा रबी फसल के बीजों पर मिलने वाले अनुदान का लाभ जिले भर के किसानों के लिए चुनौती बन गयी है. एक तरफ विभाग द्वारा ससमय किसानों के तैयार धान का क्रय नहीं किये जाने के कारण आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा था. वहीं रबी फसल में सरकार द्वारा अनुदानित दर […]
सुपौल : सरकार द्वारा रबी फसल के बीजों पर मिलने वाले अनुदान का लाभ जिले भर के किसानों के लिए चुनौती बन गयी है. एक तरफ विभाग द्वारा ससमय किसानों के तैयार धान का क्रय नहीं किये जाने के कारण आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा था. वहीं रबी फसल में सरकार द्वारा अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराये जाने से किसानों में एक आस जगी हुई थी कि अब उनकी किसानी में किसी प्रकार आ व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा. इधर स्थानीय विभाग द्वारा किसानों को रबी फसलों के बीज मुहैया कराया गया.
साथ ही विभाग द्वारा उक्त बीजों पर मिलने वाले अनुदान का लाभ सात दिनों के अंतर संबंधित किसानों के बैंक खाता में उपलब्ध होने की बात कही गयी. लेकिन अनुदान का लाभ अब तक किसानों को उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिस कारण किसान हताश व निराश है.
किसानों की व्यथा
रबी फसल की बुआई करने वाले कई किसानों ने बताया कि वे सभी रबी फसल के बीजों पर मिल रहे अनुदान पर बीजों का क्रय किया. बीज लेने के दौरान विभाग द्वारा उनलोगों को बताया गया कि किसानों द्वारा पहले बीजों का निर्धारित राशि जमा कराना होगा. साथ ही अनुदान स्वरूप मिलने वाली राशि एक सप्ताह के भीतर संबंधित किसानों के खाते में भेजा जायेगा. बताया कि बीज प्राप्त करने के लिए उन्होंने कर्ज लेकर राशि जमा किया. लेकिन विभागीय निर्देश के काफी समय बीत जाने के बाद भी किसी प्रकार का पहल नहीं किया गया है. जिस कारण किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
खेती में समस्या बन रूकावट डाल रही आर्थिक तंगी
जानकारों की मानें तो किसानों को फसल की बुआई के साथ ही समुचित तरीके से ससमय सिंचाई व पटवन के लिए आर्थिक तंगी की स्थिति बनी रहती है. इसका मुख्य कारण गिनाते हुए बताया कि किसानों की आर्थिक स्थिति फसल के उत्पादन पर टिकी होती है. साथ ही एक फसल तैयार होने के साथ ही उक्त फसल से प्राप्त आय के आधार पर किसान अगले फसल की खेती करते हैं. इधर कुछ वर्षों से किसानों को खेती में प्राकृतिक सहयोग नहीं मिल पा रहा है. जिसे लेकर सरकार व विभाग द्वारा अनुदानित दर पर किसानों को बीज व खाद मुहैया कराया जाता रहा है. साथ ही कई पटवन के लिए भी अनुदान उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की जाती है. लेकिन कारण जो भी रहा हो. किसानों को देय सरकारी लाभ विभाग द्वारा ससमय उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. आखिरकार इस समस्या से किसानों को जूझने पर विवश होना पड़ रहा है.