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सुपौल : बिना शौचालय के ही घोषित किया निर्मल पंचायत

सिमराही (सुपौल) : खुले में शौच मुक्त व स्वच्छ तथा स्वस्थ समाज निर्माण के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील है. इसकी सफलता को लेकर सरकार द्वारा अभियान संचालित कर जागरूकता फैलायी जा रही है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुंदर व स्वच्छ बिहार बनाने के लिए सात निश्चय योजना के तहत हर घर शौचालय बनवाने […]

सिमराही (सुपौल) : खुले में शौच मुक्त व स्वच्छ तथा स्वस्थ समाज निर्माण के लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील है. इसकी सफलता को लेकर सरकार द्वारा अभियान संचालित कर जागरूकता फैलायी जा रही है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुंदर व स्वच्छ बिहार बनाने के लिए सात निश्चय योजना के तहत हर घर शौचालय बनवाने की कवायद कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ वर्ष 2007 में निर्मल पंचायत के रूप में राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत राघोपुर के हुलास पंचायत में फिलवक्त 80 प्रतिशत की आबादी आज भी खुले में शौच के लिए मजबूर है.

सुपौल : बिना शौचालय…
अनुदान के नहीं हैं हकदार
वर्ष 2007 में संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत प्रखंड के हुलास पंचायत में शौचालय निर्माण के लिए सभी बीपीएल व एपीएल परिवार को 600 से लेकर 12 सौ रुपये तक की अनुदान राशि उपलब्ध करायी गयी. सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रखंड का यह पंचायत अब पूर्णत: ओडीएफ बताया जा रहा है. आलम यह है कि पूर्व में शौचालय अनुदान से वंचित परिवारों को योजना के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है, जबकि सरजमीं पर उक्त पंचायत के 80 फीसदी परिवारों के पास शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. इसका कारण जो भी रहा हो, आखिरकार लोग योजना के लाभ से वंचित है.
कुछ ही महीनों में ध्वस्त हो गया था शौचालय
पंचायतवासी ओम प्रकाश सादा देवन सादा ,चंदर सादा, उम्दा देवी, योगय राम, रैवेन सादा, मो रसूल ,मो पप्पू,दिनकर कुमार, मो इलियास आदि ने बताया कि वर्षों पहले कुछ खास चुनिंदा लोगों द्वारा ढ़ाई फीट गड्ढे वाले टंकी बना कर शौचालय निर्माण कराया गया, जो कुछ महीनों बाद ध्वस्त हो गया. बताया कि जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की मिली भगत से भले ही पंचायत को निर्मल पंचायत का दर्जा मिल गया हो, लेकिन उनकी बहू-बेटियों को आज भी खुले में शौच जाने पर विवश होना पड़ रहा है.
विभागीय सूची में हुलास पंचायत को पूर्णतः निर्मल पंचायत का दर्जा प्राप्त हो चुका है. यदि इस पंचायत के कई परिवार शौचालय व्यवस्था से अछूते रहे हैं, तो यह जांच का विषय है.
मनोज कुमार, बीडीओ
आबादी का अधिकांश हिस्सा आज भी खुले में शौच जाने को विवश
जनप्रतिनिधि व विभागीय मिली भगत से कई परिवार शौचालय के लाभ से वंचित
क्या है निर्मल पंचायत : हर घर शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण कराने वाले पंचायत को निर्मल पंचायत का दर्जा दिये जाने का प्रावधान था. साथ ही ऐसे पंचायत को राष्ट्रपति पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया गया. उक्त योजना के तहत जिले के राघोपुर प्रखंड स्थित हुलास पंचायत Âबाकी पेज 13 पर
क्या है निर्मल…
को वर्ष 2007 में संपूर्ण स्वच्छता के लिए निर्मल पंचायत घोषित किया गया, लेकिन उस समय हुलास पंचायत निर्मल पंचायत के दर्जा पाने का मानदंड पूरा नहीं कर रहा था. बावजूद इसके अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों के द्वारा इस पंचायत को कागजी खानापूर्ति कर निर्मल पंचायत का दर्जा दे दिया गया. साथ ही पंचायत के मुखिया को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया, लेकिन आज भी संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत निर्मल ग्राम पंचायत बनाये जाने के बावजूद पंचायतवासी एक बीमार व अस्वच्छ पंचायत की श्रेणी में है.

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