सुपौल : कल तक अपने असलहे से दूसरे की जिंदगी की पटकथा लिखने वाले सोनू सिंह की अब हत्या हो चुकी है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सोनू सिंह की जिंदगी की पटकथा किसने और क्यों लिख दी. सोनू सिंह को नजदीक से जाननेवाले और उनकी कार्यशैली से वाकिफ लोगों की मानें तो सुपारी लेकर हत्या करना सोनू का धर्म था.
इस वजह से आसानी से उसका शिकार नहीं किया जा सकता था. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या सोनू सिंह और हिमाशु मिश्रा अपनों के ही षड्यंत्र का शिकार हुआ है. वहीं दूसरी ओर गैंगवार में मारे जाने की चर्चा भी जारी है. इसके अलावा कई सफेदपोशों के नाम भी हवा में तैर रहे हैं. लाश मिलने के 36 घंटे से अधिक समय बीत चुके हैं और पुलिस के हाथ बहरहाल खाली है. घटना के बाद पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है जिससे सफलता मिलने की उम्मीद है. हालांकि पुलिसिया अनुसंधान जारी है और अब सारी निगाह वैज्ञानिक अनुसंधान पर टिकी हुई है. सोनू सिंह अक्सर घर वालों से दूर ही रहा करता था.
लिहाजा उसके आने और जाने की कोई खास नोटिस परिजनों द्वारा नहीं ली जाती थी. 16 दिसंबर को जब वह वीरपुर से बाहर निकला तो वह उसकी अंतिम यात्रा साबित हुई. कई दिन जब बीत गये तो परिजनों को चिंता सताने लगी. चिंता की बात यह थी कि सोनू के मोबाइल नंबर पर भी संपर्क स्थापित नहीं हो रहा था. अंतिम बार 16 दिसंबर की शाम गोल चौक वीरपुर स्थित एक होटल में कुछ लोगों के साथ देखा गया था. उसके इर्द-गिर्द कुछ सीसीटीवी भी लगे हुए हैं. ऐसे में अब सीसीटीवी फुटेज के अलावा मोबाइल के सीडीआर पर पुलिस की नजर होगी, जो संभवत: सफेदपोश या सरगनाओं को बेनकाब कर