आतंक . एक दशक से अधिक समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय था सोनू सिंह
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15 को जेल से निकला, 16 से था लापता
आतंक . एक दशक से अधिक समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय था सोनू सिंह ढाई दर्जन मामलों में नामजद सोनू सिंह की हत्या की खबर दिन भर चर्चा में रही. मई में पुलिस ने सोनू को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में वह जेल में बंद था. बताया जाता […]
ढाई दर्जन मामलों में नामजद सोनू सिंह की हत्या की खबर दिन भर चर्चा में रही. मई में पुलिस ने सोनू को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले में वह जेल में बंद था. बताया जाता है कि 15 दिसंबर को ही वह जेल से बाहर निकला था. 16 दिसंबर से वह लापता था. बरामद शव को देखने से पता चलता है कि हत्या चार-पांच दिन पहले ही की गयी है.
सुपौल : कॉट्रेक्ट किलर के रूप में कोसी सीमांचल समेत नेपाल में चर्चित रहा सोनू सिंह अंतत: खुद भी हत्या का ही शिकार हुआ. बीते लगभग डेढ़ दशक से सोनू सिंह अपराध की दुनिया में सक्रिय था. मूल रूप से सहरसा जिला के सोनवर्षा राज थाना क्षेत्र के सहमौरा निवासी सोनू सिंह पर कोसी के इलाके में दर्जनों अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. खास बात यह है
कि हाल ही में 15 दिसंबर को सोनू सिंह आर्म्स एक्ट के मामले में वीरपुर जेल से रिहा हुआ था. उसके बाद अचानक सोनू अपने सहयोगी हिमांशु मिश्रा के साथ 16 दिसंबर को लापता हो गया. उसके बाद से परिजनों द्वारा उसकी तलाश की जा रही थी. कुछ पता नहीं चलने के बाद अंतत: मामले की जानकारी पुलिस को दी गयी और पुलिस सक्रिय हो गयी. दरअसल मृतक सोनू सिंह जिला परिषद अध्यक्ष रंजू देवी का छोटा भाई था.
सुपारी लेकर किया करता था हत्या : सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 12 मई को करजाइन थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान हथियार के साथ सोनू सिंह और हिमाशु मिश्रा गिरफ्तार हुआ था. तब थाना कांड संख्या 42/16 दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. सूत्र बतलाते हैं कि सोनू सिंह का बचपन वीरपुर में ही बीता था. लेकिन उसके बाद उसने अपना ठिकाना मुख्यत: सुपौल के साथ -साथ मधेपुरा और सहरसा को भी बनाया. इसके अलावा वह नेपाल के क्षेत्र में भी सुपारी किलर के रूप में जाना जाता था.
गिरफ्तारी के बाद करजाइन थाना में पुलिस के समक्ष दिये बयान में सोनू ने स्वीकार किया था कि कोसी परियोजना के एक संवेदक द्वारा नेपाल के कांतिपुर के एक पत्रकार और एक मधेशी नेता की हत्या की सुपारी दी गयी थी. इसी उद्देश्य से वह भाया करजाइन नेपाल की ओर जा रहा था.
रस्सी के सहारे घसीट कर गड्ढे तक लाया गया शव : प्रथम दृष्टया और परिस्थिति जन्य साक्ष्य बतलाता है कि सोनू सिंह और हिमांशु मिश्रा की हत्या अन्यत्र कर लाश को 22 आरडी और 36 आरडी झाड़ी के बीच गड्ढ़े में दफन कर दिया गया. लाश को देखने से प्रतीत होता है कि कम से कम दो से तीन दिन पहले हत्या की गयी है. सोनू सिंह के पैर में रस्सी भी बंधी हुई है. इसलिये ऐसा प्रतीत होता है कि लाश को रस्सी के सहारे घसीट कर गड्ढे तक लाया गया है. ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि सोनू और हिमांशु मिश्रा की हत्या किसी जानने वाले द्वारा ही की गयी है. बहरहाल पुलिस पड़ताल जारी है और वीरपुर इलाके में सोनू सिंह की हत्या के बाद दहशत जारी है.
पैतृक गांव कम आना-जाना था : जिले के सोनवर्षा थाना के शहमौरा निवासी तथा कोसी प्रमंडल का आतंक कुख्यात शूटर सोनू सिंह गैंगवार में मारा गया. सुपौल जिले के भवटियाही गांव मे प्राप्त शव की पहचान सोनु सिंह के होने की खबर फैलते ही स्थानीय पैतृक गांव शहमौरा मे मातमी सन्नाटा छा गया. मृतक स्थानीय थाना क्षैत्र के साहपुर पंचायत के शहमौरा गांव निवासी सोनु सिंह उर्फ बाबु साहेब अपने पिता चन्द्रकिशोर सिंह का द्वितीय पुत्र था. चन्द्रकिशोर सिंह,
सुपौल जिला के वीरपुर स्थित कोशी प्रोजेक्ट के प्रधान लिपिक थे. सारा परिवार शुरू से ही वीरपुर मे ही व्यवस्थित हो गया. सोनु सिंह का भी जन्म वीरपुर मे ही हुआ था. मृतक को अपने पैतृक गांव शहमौरा कम आना जाना था. मृतक के पिता सेवा निवृति के बाद अपने गांव शहमौरा में ही ज्यादा वक्त गुजारे.
झाड़ी के बीच में गड्ढे में दफन कर दिया शव, सोनू का हाथ-पैर बंधा था
मई में सोनू और हिमांशु को पुलिस ने हथियार के साथ किया था गिरफ्तार
सुपौल जिले के करजाइन पुलिस ने 13 मई 16 को वाहन चेकिंग के दौरान में तीन कुख्यात अपराधियों को तीन हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार किये गये सभी अपराधी सहरसा जिला के निवासी थे. सभी अपराधी अपाचे बाइक से बीरपुर से सहरसा जा रहे थे. चेकिंग के दौरान ही बीआर 7 जे 3300 नंबर की अपाचे बाइक पर सवार तीन व्यक्ति के पास से तलाशी के दौरान तीन हथियार व जिंदा कारतूतस बरामद किया था. गिरफ्तार अपराधियों में शहमौरा सहमोरा निवासी सोनू सिंह, सहरसा गौतम नगर निवासी सत्यम कुमार व हिमांशु कुमार था. पुलिस ने अपराधियों के पास से 9 एमएम का एक लोडेड पिस्टल, एक रिवॉल्वर व एक थ्री नट थ्री सहित 12 जिन्दा कारतूस बरामद किया था. बरामद कारतूस में चार थ्री नट का व अन्य 9 एमएम पिस्टल के साथ 2 मेग्जीन, तीन मोबाइल, गांजा का चिलम भी बरामद किया था. इसके बाद सोनू जेल में ही बंद था. बताया जाता है कि 15 दिसंबर को ही वह जेल से बाहर निकला था. एक दिन बाद 16 से वह लापता हो गया था. हालांकि परिजनों ने शुक्रवार को पुलिस के पास सोनू के गायब होने की सूचना दी थी.
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