नोटबंदी. दाे दिन के अवकाश के बाद के सोमवार को पुन: बैंक खुला
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विभिन्न बैंकों में उमड़ी ग्राहकों की भीड़
नोटबंदी. दाे दिन के अवकाश के बाद के सोमवार को पुन: बैंक खुला केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये नोटबंदी के 26 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों में खास कर छोटे नोट को लेकर अफरातफरी का माहौल व्याप्त है. सुपौल : केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये नोटबंदी के 26 दिन बीत जाने […]
केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये नोटबंदी के 26 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों में खास कर छोटे नोट को लेकर अफरातफरी का माहौल व्याप्त है.
सुपौल : केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गये नोटबंदी के 26 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों में खास कर छोटे नोट को लेकर अफरातफरी का माहौल व्याप्त है. हालांकि तकरीबन सभी बैंक व पोस्ट ऑफिस द्वारा कमोवेश लगातार किये जा रहे रुपये के लेन-देन के बाद समस्या तुलनात्मक रूप से थोड़ी कम हुई है, लेकिन छोटे नोटों की कमी व बाजार में रुपये की किल्लत को लेकर लोगों की मुश्किलें अब भी बरकारार है. नोटबंदी के कारण बाजार के व्यवसाय पर व्यापक असर देखा जा रहा है. खास कर चावल, दाल, सब्जी जैसे जरूरी सामग्रियों के अलावे इलेक्ट्रॉनिक, कपड़े, रेडिमेड जैसे बड़े व्यवसाय पर नोटबंदी का व्यापक असर देखा जा रहा है.
इस तरह के व्यापार बिल्कुल ठप्प पड़ गये हैं. रुपये के अभाव में ग्राहक महज जरूरी घरेलु सामग्रियों की खरीद कर रहे हैं, जबकि बड़ी खरीदारी को तत्काल स्थगित कर दिया गया है. नोटबंदी की वजह से विवाह-शादी व यज्ञ-प्रयोजन के कार्य भी प्रभावित हुए हैं. खाते में रुपये रहने के बावजूद बैंक के ग्राहक मनमर्जी तरीके से अपने रुपये की निकासी नहीं कर पा रहे हैं. इसके कारण उनके समक्ष कठिनाई उत्पन्न हो रही है. नोटबंदी से गेहूं की खेती भी प्रभावित हो रही है. इधर, सोमवार को जिला मुख्यालय में अधिकांश एटीएम बंद पड़े थे.
वहीं एक-दो एम खुले रहने की वजह से इन एटीएम के सामने ग्राहकों की लंबी कतार दिन भर लगी रही. एटीएम चालू रहने की वजह से लोगों ने राहत की सांस ली है. लागातार दो दिनों से बैंक बंद रहने से सोमावार को बैंक शाखाओं में अन्य दिनों की तुलना में ग्राहकों की अधिक भीड़ देखी गयी.
सोमवार को महावीर चौक स्थित स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में लोगों की काफी भीड़ देखी गयी. जहां ग्राहकों को रूपये की जमा व निकासी की सुविधा दी जा रही थी. नोआना कचहरी रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक में लोगों की काफी भीड़ थी. भीड़ को देखते हुये बैंक प्रबंधक द्वारा निकासी के चार काउंटर व जमा के तीन काउंटर लगाये गये थे. जबकि पैसे के अभाव में दस हजार तक कि निकासी दी जा रही थी. स्टेशन रोड स्थित कैनरा बैंक में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखी गयी. डाक घर के मुख्य शाखा में भी लोगों की सुविधा के लिये
अलग- अलग निकासी व जमा के काउंटर लगाये थे. कमोवेश यही हाल सेंट्रल बैंक,एचडीएफसी, युको, युनियन, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, एक्सीस, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के भी थे. सोमवार को शहर के मात्र तीन एटीएम कार्य कर रहे थे. स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में लगे एक एटीएम, सेंट्रल बैंक के एटीएम व स्टेशन चौक स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम खुले थे.
जहां लोगों की काफी भीड़ देखी गयी. लोग कतार में लग कर रूपये की निकासी कर रहे थे. वहीं कैनरा बैंक के एटीएम, बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम सहित अन्य एटीएम बंद पड़े थे.
खासकर किसान पर नोटबंदी का व्यापक असर देखा जा रहा है. धान की कटनी प्रारंभ हो चुकी है. लेकिन बाजार के बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पर्याप्त रूप से राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों के फसल की बिक्री प्रभावित है. फसल नहीं बिक पाने के कारण किसान रब्बी फसल की बुआई में भी पिछड़ रहे हैं. हलांकि जो किसान बैंक में रूपये निकासी के लिये जाते हैं तो उसे भी कार्यानुसार रूपया नहीं दिया जा रहा है. जिसका वजह बैंक में राशि का अभाव बताया जा रहा है. नतीजतन किसान राशि के अभाव में गेहूं की बुआई नहीं कर पा रहे हैं. वहीं खाद व बीज खरीदना भी मुश्किल साबित हो रहा है. बाजार के दुकानदार 500 व 1000 के पुराने नोट लेने से परहेज बरत रहे हैं. नतीजतन किसानों को खाद व बीज क्रय करना संभव नहीं हो पा रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि नोटबंदी की वजह से इस वर्ष गेहूं की बुआई में अधिक विलंब हो सकता है.
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