सुपौल : ऑख में तेजाब डाले जाने के बाद एक ऑख की रोशनी गवा चुके किसनपुर थाना क्षेत्र के नरही निवासी रंजीत सादा (21 वर्ष) बुधवार को इलाज के लिए एम्स नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गया.
स्थानीय प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया था. दो सप्ताह तक इलाज रत रहने के बाद सोमवार को रंजीत अपने घर वापस लौटा था. रंजीत के साथ उसके पिता चंदर सादा और मां बिजली देवी के साथ-साथ दो चौकीदार भी दिल्ली के लिए रवाना हुआ.
चोरी के आरोप में डाला गया तेजाब
21 जनवरी की रात किसनपुर थाना क्षेत्र के हांसा गांव में चोरी के आरोप में रंजीत की ग्रामीणों ने पिटाई की और फिर एक आंख में तेजाब डाल दिया. इस वजह से उसका बायां ऑख बुरी तरह प्रभावित हुआ.
चोरी के आरोप में हांसा गांव के राम नंदन यादव द्वारा रंजीत के विरुद्ध कांड संख्या 19/14 दर्ज कराया गया. जबकि रंजीत सादा के बयान पर कांड संख्या 30/14 दर्ज हुआ. तेजाब के आरोप में रामनंदन यादव और विकास यादव फिलहाल जेल में है.
डीएमसीएच से रेफर हुआ एम्स
जिला प्रशासन द्वारा घटना के बाद सरकारी खर्च पर इलाज के लिए डीएमसीएच भेजा गया. जहां नेत्र रोग विभाग में लगभग दो सप्ताह तक उसका इलाज हुआ. इलाज के बाद लगभग 30 फीसदी हीं सुधार हो पाया. विभागाध्यक्ष डॉ वीरेश्वर प्रसाद के अनुसार रंजीत की ऑख की कोर्निया में तेजाब के अंश मौजूद हैं. संभव है कि उसका कोर्निया भी बदलना पड़े. ऐसी स्थिति के लिए एम्स रेफर करना ही एक मात्र विकल्प है. तेजाब का अंश रहने की वजह से आंख में आज भी सूजन बरकरार है.
असमंजस में हैं परिजन
बीपीएल श्रेणी के चंदर सादा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं और पूरा परिवार असमंजस में है. परिवार के कमाऊ पुत्र के साथ हुए हादसे के बाद घर का चूल्हा भी ठीक से नहीं जल पा रहा है. जिला प्रशासन द्वारा अब तक 40 हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करायी गयी है. इसमें से 20 हजार रुपया अब तक इलाज और खाने-पीने में खर्च हो गया. पटना में संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस का इंतजार कर रही रंजीत की मां बिजली देवी ने दूरभाष पर कहा कि ‘ सरकार पर भरोसा छै मदद मिलत, भगवान पर भरोसा छै, बेटा ठीक भ’ जेतै ’.