सुपौल : शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता के कारण शहर के चकला निर्मली मुहल्ला स्थित बबुजन आदर्श मध्य विद्यालय की स्थिति दिन ब दिन बद से बद्तर होती जा रही है.कभी जिले के मॉडल विद्यालयों में शुमार इस विद्यालय में शिक्षकों की आपसी खींचतान और राजनीति के कारण पठन-पाठन का माहौल बिल्कुल ही समाप्त हो गया है.
वहीं इस विद्यालय की ताजा स्थिति यह है कि महज तीन माह के दौरान इस विद्यालय में विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए कई बार पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा है.विद्यालय में घटित ताजा घटना क्रम पर एक नजर डालें तो ज्ञात होता है कि पठन-पाठन के साथ-साथ इस विद्यालय से अनुशासन का माहौल भी पूरी तरह समाप्त हो चुका है.विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं रसोइया छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में लतम-जुतम और गाली-गलौज करते हैं.इन सब कारणों को लेकर अब विद्यालय में दिनोंदिन छात्रों की उपस्थिति भी कम होती जा रही है.
वहीं स्कूल के सभी विवाद में सरपंच की भूमिका निभाने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल की व्यवस्था में सुधार करने के नाम पर चुप्पी साधे हुए हैं. गुरुवार को प्रधानाध्यापक, शिक्षक एवं रसोइया के बीच हुए विवाद के बाद एक बार फिर यह विद्यालय चर्चा का केंद्र बना हुआ है.हालांकि विवाद के दौरान एक शिक्षिका की सूचना पर पहुंची सदर थाना पुलिस द्वारा काफी मशक्कत के बाद तत्काल मामले को शांत करा दिया गया है. विवाद समाप्त होने के बाद स्कूल के छात्रों को करीब 11:00 बजे ही छुट्टी दे दी गयी. वहीं इस दौरान पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को हुए विवाद के मामले में लंबी पूछताछ के बाद विवाद का मूल कारण प्रधानाध्यापक मनोज कुमार झा को मानते हुए पुलिस जीप में बिठा कर उन्हें थाना ले जा रही थी. लेकिन इस दौरान स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया.
फिलहाल गुरुवार को हुए इस घटना के बाद विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं की चर्चा शहर में जोर-शोर से की जा रही है. शर्मनाक घटनाओं का चल रहा दौर अपने निजी लाभ के लिए विद्यालय से अनुशासन का माहौल खत्म करने के बाद यह विद्यालय शिक्षक एवं अन्य कर्मियों के लिए अखाड़ा साबित हो रहा है. विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक छात्रों को पठन-पाठन का माहौल उपलब्ध करवाने के बजाय राजनीति में अधिक व्यस्त रहते हैं. इस राजनीति के कारण यह विद्यालय कई शर्मनाक घटनाओं का गवाह बन चुका है. हालांकि घटना के बाद अफशोस जाहिर करने वाले लोग हाल के दिनों में घटित घटनाओं से कोई सबक नहीं ले रहे हैं.
बबुजन आदर्श मध्य विद्यालय में विगत कुछ माह के दौरान एक से बढ़ कर एक शर्मनाक घटनाएं घट चुकी है. शिक्षा विभाग के अधिकारी सब कुछ जान कर भी अनजान बने हुए हैं.महज कुछ माह पहले विद्यालय की एक शिक्षिका ने प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कई संगीन आरोप लगाते हुए थाना में प्राथमिकी दर्ज करवायी थी.इस मामले में पुलिस छानबीन कर रही है. वहीं शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापक के विवाद में स्कूल के आधा दर्जन रसोइये मोहरे की तरह इस्तेमाल किये जा रहे हैं.विद्यालय के शिक्षक बताते हैं कि दोनों पक्ष अपने विवाद में गाली-गलौज व हंगामा करवाने के लिए रसोइयों का इस्तेमाल करते हैं.
गौरवशाली रहा है विद्यालय का इतिहास
बबुजन आदर्श मध्य विद्यालय का अतीत काफी गौरवशाली रहा है. महज एक दशक पूर्व तक इस विद्यालय की चर्चा जिला स्तर पर होती थी.जिले के शिक्षकों को इस विद्यालय के शिक्षक का अनुशरण करने की अधिकारी सलाह देते थे.इस विद्यालय में शैक्षणिक माहौल एवं बेहतर प्रबंधन के लिए आज भी लोग अतीत को याद करते हैं. कभी गजेंद्र प्रसाद चौधरी व चंद्रशेखर ठाकुर जैसे योग्य, अनुभवी व कुशल शिक्षक इस विद्यालय में अपनी सेवा दे चुके हैं.
गजेंद्र प्रसाद चौधरी को जहां राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ वहीं चंद्रशेखर ठाकुर को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. लेकिन ऐसे शिक्षकों के सेवा निवृत होते ही विद्यालय की स्थिति काफी दयनीय हो गयी. विगत कुछ वर्षों से यह विद्यालय राजनीति का केंद्र बन कर रह गया है.
स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि वर्तमान प्रधानाध्यापक के कार्यकाल में विद्यालय की स्थिति काफी शर्मनाक हो चुकी है. वर्जन विद्यालय में घटित घटना काफी शर्मनाक है. विभाग पूरे मामले पर नजर रख रही है. विगत दिनों भी जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यालय पहुंच कर जांच कर चुके हैं. इस विद्यालय को लेकर विभाग गंभीर है. जल्द ही ठोस कार्रवाई की जायेगी. नरेंद्र झा, बीइओ, सुपौल