सुपौल : कोसी क्षेत्र का आर्थिक आधार खेतीबाड़ी सहित कृषि जनित रहा है. यहां कि मिट्टी भी इसी अनुकूल माना जाता है. जहां हजारों एकड़ भूमि से फसल उगा कर किसान समृद्ध बने रहे. वर्ष 2008 की तबाही ने इस इलाके को झकझोर कर रख दिया. जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड के कुशहा पंचायत स्थित योगियाचाही […]
सुपौल : कोसी क्षेत्र का आर्थिक आधार खेतीबाड़ी सहित कृषि जनित रहा है. यहां कि मिट्टी भी इसी अनुकूल माना जाता है. जहां हजारों एकड़ भूमि से फसल उगा कर किसान समृद्ध बने रहे. वर्ष 2008 की तबाही ने इस इलाके को झकझोर कर रख दिया. जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड के कुशहा पंचायत स्थित योगियाचाही गांव की कहानी भी कुछ इसी तरीके का है.
यह इलाका कभी सब्जी की खेती के लिए मशहूर रहा था. लेकिन कोसी की विभिषिका की चपेट में आने के बाद ना जाने इस इलाके में जीवन बसर कर रहे लोग कब तक उपेक्षा का दंश झेलते रहेंगे. आलम यह है कि कई वर्ष बीत जाने के बाद भी ना तो किसी जन प्रतिनिधि इस इलाके को सुसज्जित कराये जाने हेतु किसी प्रकार का यत्न कर रहे हैं और न ही विभाग द्वारा समुचित प्रयास किया जा रहा है. जिस कारण उक्त प्रखंड क्षेत्र के इस इलाके के लोग अब तक उद्धारक की आस में टकटकी नजर लगाये बैठे हैं.
कटाव ने बढ़ायी परेशानी : वर्ष 2008 की विभिषिका में लक्ष्मीनिया- योगियाचाही पथ में बना पुल ध्वस्त होने के बाद इस इलाके का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया. जिसके बाद से हरेक वर्ष गैड़ा नदी की तबाही ने जहां उपजाउ भूमि को चांप चाहर बना कर रख दिया. वहीं विभागीय उपेक्षा के कारण लोग टापू नुमा जिंदगी जीने को विवश हो रहे हैं. इधर सूबे में हरेक क्षेत्रों का समुचित विकास कराये जाने का दावा उक्त क्षेत्रवासियों के लिए कोरा कागज साबित हो रहा है. यहां तक की नदी की धारा का रुख बदल जाने के कारण हो रहे तीव्र कटाव से गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. आलम यह है कि योगियाचाही गांव कभी भी गैंड़ा नदी के आगोश में सिमट सकती है.
विधायक से ग्रामीणों को आस : ग्रामीण जय प्रकाश यादव, ज्योति प्रकाश, विंदेश्वरी यादव, शत्रुघ्न यादव, प्रकाश कुमार, अमरलाल सरदार, श्यामल सरदार सहित अन्य ने बताया कि काफी समय बीत जाने के बाद स्थानीय विधायक द्वारा समस्या से निजात दिलाये जाने का आश्वासन दिया गया है. बताया कि विधायक के आश्वासन से ग्रामीणों में आस जगी है. ग्रामीणों ने बताया कि विधायक के पहल पर बीते दिनों कटाव निरोधी कार्य प्रारंभ कराया गया. लेकिन निर्माण कार्य में लगे संबेदक द्वारा कार्य को आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया है. बताया कि योगियाचाही गांव से 50 मीटर दूरी तक तीव्र कटाव हो चुका है.
बोले कार्यपालक अभियंता : इस बाबत पूछे जाने पर जल निस्सरण विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार झा ने बताया कि योगियाचाही गांव के समीप हो रहे कटाव को लेकर कटाव निरोधी कार्य पूर्ण कर लिया गया है. श्री झा ने बताया कि नदी की धारा को पूर्ववत लाने का प्रयास जारी है.