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पांच शिक्षिकाओं की पेंशन रोकने का आदेश

अवैध नियुक्ति मामले में पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति को सीबीआइ ने अवैध ठहराया सुपौल : कोसी प्रमंडल में संचालित शिक्षा व्यवस्था में अजीबोगरीब कृत्य उजागर हो रहे हैं. इसे विभागीय मनमानी कहें या फिर उदासीनता. शिक्षा व्यवस्था के घोर अनियमितता की चर्चा परवान चढ़ रही है. मालूम हो कि सुपौल जिले सहित कोसी प्रमंडल के […]

अवैध नियुक्ति मामले में पांच शिक्षिकाओं की नियुक्ति को सीबीआइ ने अवैध ठहराया

सुपौल : कोसी प्रमंडल में संचालित शिक्षा व्यवस्था में अजीबोगरीब कृत्य उजागर हो रहे हैं. इसे विभागीय मनमानी कहें या फिर उदासीनता. शिक्षा व्यवस्था के घोर अनियमितता की चर्चा परवान चढ़ रही है. मालूम हो कि सुपौल जिले सहित कोसी प्रमंडल के विभिन्न विद्यालयों में पांच शिक्षिकाओं की बहाली अवैध तरीके से की गयी थी. जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की गयी. जांच के बाद सीबीआई की टीम ने राजकीय कन्या मध्य विद्यालय व उच्च विद्यालय से सेवानिवृत्त हुईं पांच शिक्षिकाओं की बहाली को अवैध ठहराया.
अवैध बहाली मामले में कोसी प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक ने बिहार पेंशन नियमावली के अनुरूप सभी पांचों शिक्षिकाओं का पेंशन रोकने का आदेश जारी किया है. वहीं शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किये जाने को लेकर हो रही कार्रवाई से शिक्षा विभाग के माफियाओं में खौफ बना हुआ है.
184 शिक्षिकाओं की हुई थी बहाली: गौरतलब हो कि वर्ष 1980 के बाद निम्न अवर शिक्षा महिला संवर्ग के तहत 184 शिक्षिकाओं की नियुक्ति की गयी. जांच के दौरान सीबीआई ने इस नियुक्ति को अवैध मानते हुए. सीबीआई द्वारा बताया गया है कि इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए ना तो विज्ञापन जारी किया गया और
न ही आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है. साथ ही सरकार द्वारा विहित प्रक्रिया के अनुरूप इस कार्य को पूर्ण किया गया है. इस प्रकार के मामले को देख सीबीआई द्वारा उक्त नियुक्ति को रद्द किये जाने की अनुशंसा भी की है. ज्ञात हो कि इस जांच प्रक्रिया के कोसी प्रमंडल की 13 शिक्षिकाएं शामिल हैं. जिनमें फिलवक्त पांच सेवानिवृत्त हो चुकी है और सरकारी नियमानुसार सेवांत लाभ प्राप्त कर रही हैं.
नियम को ताक रख कर हुई थी बहाली
ज्ञात हो कि विद्यालय निरीक्षिका सह उप शिक्षा निदेशिका पटना तथा जिला विद्यालय निरीक्षिका द्वारा विभागीय नियम व कानून को ताक में रख कर नियमावली के विरुद्ध निम्न अवर शिक्षा सेवा महिला संवर्ग की बहाली को अवैध तरीके से अंजाम दिया गया. साथ ही ऐसे शिक्षिकाओं को राजकीय कन्या मध्य विद्यालय व उच्च विद्यालयों में पदस्थापित किया गया. काफी समय बाद यह मामला न्यायालय पहुंचा. जहां उच्च न्यायालय इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वर्ष 1980 के बाद नियुक्त हुई सभी महिला संवर्ग के शिक्षिकाओं की नियुक्ति की जांच सीबीआई को सौंप दिया. जहां सीबीआई के जांच में व्यवस्था की पोल खुल गयी.
सहायक शिक्षिका के पद पर हुई थी नियुक्ति
उक्त मामले के बाबत आरडीडीई प्रभाकर सिंह ने अपने कार्यालय आदेश में बताया है कि ऐसे महिला संवर्ग की शिक्षिकाओं जिनकी नियुक्ति अनियमित तरीके से अवर शिक्षा सेवा अंतर्गत सहायक शिक्षिका के पद पर की गयी थी. वर्ष 1980 के बाद हुए नियुक्त कर्मियों की जांच के क्रम में सीबीआई द्वारा अवैध बताया गया है. आदेश में यह भी बताया गया है कि ऐसे शिक्षिकाओं में से पांच शिक्षिका सेवानिवृत्त हो चुकी हैं. विभागीय आदेशानुसार सेवानिवृत शिक्षिकाओं के विरुद्ध बिहार पेंशन एक्ट में निहित प्रावधान के अनुरूप कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है.
कार्रवाई की जद में आने वाली पेंशनधारी शिक्षिका
क्रम संख्या नाम विद्यालय
1. लीला देवी राजकीय कन्या मध्य विद्यालय सुपौल
2. शशिवाला चौधरी राजकीय कन्या मध्य विद्यालय सुपौल
3. सुधा देवी राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सहरसा
4. तारा सिंह राजकीय कन्या उच्च विद्यालय सहरसा
5. रानी मुखर्जी राजकीय कन्या मध्य विद्यालय मधेपुरा

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