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महामारी के तरह फैल रहा चर्म रोग

सहरसा- सुपौल व मधेपुरा में चर्म रोग से परेशान हैं मरीज स्वास्थ्य विभाग बेखबर कई प्रकार की दवा सेवन के बावजूद नहीं मिल रही निजात कोसी प्रमंडल में इन दिनों चर्म रोग महामारी की तरह फैल रहा है. खास कर कोसी के इलाके सुपौल, सहरसा और मधेपुरा जिले में अब तक इस महामारी ने आधे […]

सहरसा- सुपौल व मधेपुरा में चर्म रोग से परेशान हैं मरीज

स्वास्थ्य विभाग बेखबर
कई प्रकार की दवा सेवन के बावजूद नहीं मिल रही निजात
कोसी प्रमंडल में इन दिनों चर्म रोग महामारी की तरह फैल रहा है. खास कर कोसी के इलाके सुपौल, सहरसा और मधेपुरा जिले में अब तक इस महामारी ने आधे से अधिक आबादी को अपनी चपेट में ले लिया है. वहीं विगत एक वर्ष से भी अधिक समय से फैल रही इस लाइलाज बीमारी से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह बेखबर बना हुआ है.
सुपौल : अनगिनत मुहल्ले व टोले के हजारों लोगों को संक्रमित कर रहे इस बीमारी की रोकथाम की दिशा में विभाग द्वारा किसी प्रकार का पहल नहीं किया जा रही है. महामारी की तरह फैल रही इस चर्म रोग के कारण बाजार में रोजाना धड़ल्ले से अनगिनत कंपनियों की लाखों रुपये की दवा रोज बिक रही है. बाजार में चर्म रोग से संबंधित सैंकड़ों प्रकार की नई दवाओं की बिक्री अचानक बढ़ गयी है. लेकिन चर्म रोग से प्रभावित पीड़ित बताते हैं कि इस रोग पर किसी भी दवाओं का कोई खास असर नहीं पड़ता है. दवा खाने व मलहम व लोशन लगाने के बाद यह रोग दो चार दिनों के लिए ठीक हो जाता है. लेकिन दवा का कोर्स पूरा होते ही पुन: परेशानी उत्पन्न हो जाती है.
बाजार से चर्म रोग की महंगी दवा खरीद रहे मरीज
फुंसी से शुरू होकर पनपता है रोग
चर्म रोग से प्रभावित पीड़ित बताते हैं कि इस बीमारी के आरंभिक दौर में शरीर के कमर से निचले हिस्से पर लाल – लाल दाना निकल आता है. एक दो रोज के बाद यह दाना शरीर पर चकता के रूप में फैलने लगता है. कई प्रकार की दवा के सेवन के बावजूद पीड़ित खुजलाहट व लहर से परेशान रहते हैं. पीड़ितों ने बताया कि सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया व पटना के कई बड़े चर्म रोग विशेषज्ञ भी इस बीमारी का समुचित निदान नहीं कर सके. चिकित्सक इन बीमारी को फंगस इन्फेक्शन बताते हैं. लेकिन समुचित दवा के सेवन के बाद भी रोग से निजात नहीं मिल पाता है. पीड़ित लोगों ने बताया कि कुछ पीड़ित इसे मेघदिनाय, सूखादिनाय, बरसाती दिनाय, एक्जीमा, खर्रा मानकर दवा के साथ – साथ घरेलू व देशी उपचार को भी अपना चुके हैं. लेकिन बीमारी के सेहत पर दवा का कोई असर नहीं हुआ. इलाज के नाम पर मंहगी दवाई खरीदने में हजारों रुपये खर्च करने के बाद पीड़ित अब और भी अधिक परेशान हैं.
विभागीय उदासीनता से हैरान हैं लोग
जन समुदाय में महामारी की तरह फैल रहे इस रोग का सटीक इलाज नहीं होने के कारण प्रभावित लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. महीनों से उपचार कराने के बावजूद चर्म रोग से निजात नहीं मिलने से अब पीड़ित मानसिक रोग का शिकार बन रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की उदासीन रवैये को देख कर पीड़ित मरीज हैरत में हैं. हद तो यह है कि अब तक कोसी प्रमंडल के किसी जिला के सिविल सर्जन ने इस लाइलाज बीमारी की सूचना विभाग को नहीं दिया गया है. जानकार बताते हैं कि अगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बीमारी की सूचना विभाग को दी जाती तो विभागीय स्तर पर विशेषज्ञों की टीम इस बीमारी के रोकथाम व सटीक उपचार की दिशा में प्रयासरत रहते. लेकिन लापरवाह स्वास्थ्य विभाग के कारण महामारी का रूप अख्तियार कर चुके यह रोग पूरे जनमानस को प्रभावित करने पर तुला हुआ है.
विगत कुछ माह से चर्म रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अस्पताल आने वाले आधे से अधिक मरीज चर्म रोग से पीड़ित हैं. मरीजों को दवा दिया जा रहा है. लेकिन फंगस इंफेक्शन की यह बीमारी जल्दी ठीक नहीं हो रही है. साफ सफाई से इसे फैलने से इसे रोका जा सकता है.
डॉ एन के चौधरी, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल
कहते हैं दवा विक्रेता
शहर के प्रतिष्ठित दवा विक्रेता रवि जैन ने बताया कि विगत एक साल पूर्व तक चर्म रोग की कुछ गिने चुने दवाओं की विक्री होती थी. लेकिन अब सैंकड़ों प्रकार की दवाएं बाजार में उपलब्ध है. चर्म रोग से संबंधित दवाओं की बिक्री काफी बढ़ गयी है.
कोसी प्रमंडल के किसी भी जिला के सिविल सर्जन द्वारा भारी पैमाने पर चर्म रोग फैलने की कोई सूचना नहीं दी गयी है. अगर लाइलाज चर्म रोग फैल रहा है तो स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से लेगा. प्रभावित लोगों की समुचित जांच करवायी जायेगी. विभाग स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों बुला कर रोग से संबंधित जानकारी ली जायेगी. इस बीमारी के रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किया जायेगा.
डॉ शशि भूषण शर्मा, क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवा, कोसी प्रमंडल सहरसा

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