सुपौल : क्षेत्रीय सांसद रंजीत रंजन ने स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त गड़बड़ी व अनियमितता का मुद्दा लोकसभा में जोरदार ढंग से उठाया है. सदन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पूछे गये सवाल सांसद ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की स्वास्थ्य सेवा के लिये स्थापित स्वास्थ्य केंद्रों की हालत काफी बदतर है. लेबर रूम के स्ट्रेचर पर जंग लगे होते हैं. जहां बच्चों की डिलेवरी होती है, उन प्रसव कक्ष के शीशे तक टूटे होते हैं.
परदे की बात तो करना ही बेमानी है. बताया कि अस्पताल में दवा नहीं दी जाती है. बाहर के केमिस्ट से कमीशन खाकर दवाइयां मंगायी जाती है. सरकार के माध्यम से जो सुविधाएं गांव के मरीजों को दी जा रही है. उसका कार्यान्वयन सरजमीन पर सही ढंग से नहीं हो पा रहा है. कहा कि सरकार द्वारा मिशन 2030 की बात की जाती है. लेकिन जब तक स्थानीय पीएचसी व उप स्वास्थ्य केंद्र में न्यूनतम स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं करा दी जाती, हम कितने भी एम्स खोल लें, ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को उसका लाभ नहीं मिल पायेगा. सांसद ने ब्लड डोनेशन लैब में बरती जा रही अनियमितता पर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया.