उदासीनता. शहर में स्थायी ऑटो पड़ाव नहीं, यात्रियों को होती है परेशानी
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पड़ाव नहीं, पर वसूला जाता है शुल्क
उदासीनता. शहर में स्थायी ऑटो पड़ाव नहीं, यात्रियों को होती है परेशानी शहर में स्थायी ऑटो पड़ाव नहीं होने के कारण चालक सड़क पर ही ऑटो लगा कर सवारी लेते हैं. इससे लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. हालांकि पड़ाव नहीं रहने के बावजूद हटखोला रोड, गांधी मैदान के समीप व लोहिया […]
शहर में स्थायी ऑटो पड़ाव नहीं होने के कारण चालक सड़क पर ही ऑटो लगा कर सवारी लेते हैं. इससे लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. हालांकि पड़ाव नहीं रहने के बावजूद हटखोला रोड, गांधी मैदान के समीप व लोहिया नगर चौक स्थित संवेदक के कर्मी द्वारा प्रति ट्रिप दस रुपये की दर से पड़ाव शुल्क कीऑटो चालकों से वसूला जा रहा है.
सुपौल : सुपौल को जिला का दर्जा मिले करीब ढ़ाई दशक बीत गये, लेकिन जिला मुख्यालय में अब तक कई प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इस कारण जिला मुख्यालयवासी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. हाल के दिनों में शहर की सभी प्रमुख सड़कें चकाचक हुई हैं. सड़क के किनारे पक्के फुटपाथ का निर्माण किये जाने एवं सभी बिजली के खंभों पर एलइडी लाइट लगाये जाने के बाद शहर की सुंदरता बढ़ गयी है,
लेकिन कुछ खामियों की वजह से सुंदर शहर का सपना साकार नहीं होता प्रतीत हो रहा है. इसमें से एक सबसे अहम स्थाई ऑटो स्टैंड का नहीं होना है. मालूम हो कि प्रतिदिन दूर-दराज के क्षेत्रों से हजारों लोगों का जिला मुख्यालय आना जाना होता है, लेकिन जिला मुख्यालय में स्थायी ऑटो पड़ाव नहीं रहने की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.ऑटो पड़ाव नहीं रहने के कारण ऑटो चालकों द्वारा बीच सड़क पर ही ऑटो खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाया-उतारा जाता है. सड़क पर ऑटो खड़ी किये जाने के कारण लोगों को जाम की समस्या से भी जूझना पड़ता है.
वहीं हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
प्रतिदिन हजारों रुपये की वसूली: जिला मुख्यालय से विभिन्न प्रखंड सहित गांवों के लिए प्रतिदिन सैकड़ों ऑटो का परिचालन हो रहा है. बावजूद इसके विभाग द्वारा स्थायी ऑटो पड़ाव की व्यवस्था नहीं करायी गयी है, जबकि जिला मुख्यालय में ऑटो चालकों से प्रतिदिन हजारों रुपये की वसूली की जा रही है. शहर के हटखोला रोड, गांधी मैदान के समीप व लोहिया नगर चौक स्थित संवेदक के कर्मी द्वारा प्रति ट्रिप दस रुपये की दर से पड़ाव शुल्क की वसूली की जा रही है.
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