लापरवाही. जर्जर पोल पर दौड़ती है बिजली, सुरक्षा के प्रति लापरवाह है विभाग
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सड़कें हुई चौड़ी, पोल बने जानलेवा
लापरवाही. जर्जर पोल पर दौड़ती है बिजली, सुरक्षा के प्रति लापरवाह है विभाग विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त व आधुनिकीकरण का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कर्मी व पदाधिकारी की उदासीनता के कारण आज भी जिले के दर्जनों गांव समुचित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था से महरूम हैं. सुपौल : राज्य व […]
विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त व आधुनिकीकरण का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कर्मी व पदाधिकारी की उदासीनता के कारण आज भी जिले के दर्जनों गांव समुचित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था से महरूम हैं.
सुपौल : राज्य व केंद्र सरकार द्वारा जहां एक ओर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त व आधुनिकीकरण का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विभागीय कर्मी व पदाधिकारी की उदासीनता के कारण आज भी जिले के दर्जनों गांव समुचित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था से महरूम हैं. कई जगहों पर तो आलम यह है कि वर्षों पूर्व जहां बिजली का पोल गाड़ा गया, वहां अब तक पोल पर तार नहीं लगाया जा सका और सौभाग्य से अगर तार लग भी गया तो विद्युत आपूर्ति अब तक बहाल नहीं की जा सकी है. वहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में जर्जर पोल व तारों के सहारे दौड़ती बिजली हमेशा खतरे को आमंत्रित करती प्रतीत होती है.
जर्जर पोल और तार पर दौड़ती है बिजली : बदलते परिवेश व आधुनिकीकरण के इस दौर में बिजली व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने व इसे सुरक्षित बनाने की आवश्यकता जतायी जा रही है. ताकि बिजली की वजह से आये दिन होने वाली दुर्घटनाओं मं कमी लाई जा सके. विभाग द्वारा इस दिशा में कवायद भी प्रारंभ की गयी. खासकर शहरी क्षेत्र में कई नये पोल व केबुलयुक्त बिजली के नये तार भी लगाये गये है. लेकिन आज भी शहर के कई बिजली पोल व तार जर्जर है. जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो अब भी अधिकांश बिजली के पोल व तार जर्जर हैं. विद्युत प्रवाहित जर्जर तार के गिरने से कई बार आदमी के साथ ही दर्जनों पशुओं की जान बिजली की चपेट में आने से जा चुकी है.
सड़क पर ही खड़े हैं पोल व ट्रांसफार्मर : गौरतलब है कि विकास के इस दौर में जिले की अधिकांश सड़कें चकाचक हो चुकी है. जिले में एनएच व एसएच जैसी सड़कों का जाल बिछ चुका है. जाहिर तौर पर तकरीबन सभी सड़कों के चौड़ीकरण भी किया गया है. लेकिन विडंबना है कि सड़कों के चौड़ीकरण की वजह से खासकर बाजार क्षेत्र, एनएच व एसएच पर दर्जनों ऐसे बिजली के पोल व ट्रांसफार्मर थे. जो सड़कों की चौड़ाई बढ़ने की वजह है कि सड़क पर आ गये. इन पोल व ट्रांसफार्मर को विभाग द्वारा नहीं हटाया गया है. जिसके कारण वाहनों को इन पोल व ट्रांसफार्मर से टकराने व दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. स्टेशन चौक स्थित सेंट्रल बैंक के सामने व बस पड़ाव के समीप एनएच 327 पर सड़क पर लगा पोल व ट्रांसफार्मर इसका जीवंत उदाहरण है.
कभी भी धराशायी हो सकता है पोल
शहर के बीचो-बीच स्टेशन चौक से जिला परिषद की ओर जाने वाली सड़क के मोड़ पर बिजली का एक पोल कई वर्षों से जर्जर है. कमजोर हो चुकी यह पोल नीचे की ओर झुक चुकी है, जो कभी भी धराशायी हो सकता है. बावजूद इस पोल पर बिजली की तार दौड़ रही है. जो खतरे को आमंत्रित करता प्रतीत होता है. मालूम हो कि इस सड़क में पोल के कुछ ही आगे महिला कॉलेज, जिला परिषद कार्यालय, ज्ञान गंगा स्कूल जैसे प्रतिष्ठित संस्थान है. वहीं गली के अंतिम छोड़ पर शहर का एक मात्र बालिका उच्च विद्यालय मौजूद है. स्थानीय निवासी विनोद कुमार सिंह, चंदन कुमार, मनोज कुमार, आनंद कुमार आदि ने बताया कि समस्या के बाबत विभाग से कई बार उक्त पोल को बदलने का अनुरोध किया गया है. बावजूद विभाग इस दिशा में उदासीन है.
कहते हैं अधिकारी : इस बाबत पूछे जाने पर विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रशांत कुमार मंजू ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित सड़क के चौड़ी करण कराये जाने के बाद कई स्थानों पर लगे ट्रांसफार्मर सड़क के समीप आ चुका है. इस समस्या के निदान को लेकर संबंधित विभाग से बातचीत की जा रही है.
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