त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचित प्रत्याशियों की घोषणा शुरू होते ही चुनावी रंजिश की चिंगारी से कई ग्राम पंचायत अब झुलसने लगे हैं. चुनावी रंजिश के कारण हुए झड़प के मामले में संगीन और आपराधिक आरोप लगाते हुए आधा दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज करवायी जा चुकी है.
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बढ़ गया है अपराध चुनावी रंजिश के चिंगारी से झुलस रहा ग्राम पंचायत
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचित प्रत्याशियों की घोषणा शुरू होते ही चुनावी रंजिश की चिंगारी से कई ग्राम पंचायत अब झुलसने लगे हैं. चुनावी रंजिश के कारण हुए झड़प के मामले में संगीन और आपराधिक आरोप लगाते हुए आधा दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज करवायी जा चुकी है. सुपौल : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचित […]
सुपौल : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचित प्रत्याशियों की घोषणा शुरू होते ही चुनावी रंजिश की चिंगारी से कई ग्राम पंचायत अब झुलसने लगे हैं. सदर थाना सहित जिले के विभिन्न थाना में इन दिनों चुनाव रंजिश के कारण हुए झड़प के मामले में संगीन और आपराधिक आरोप लगाते हुए आधा दर्जन से अधिक प्राथमिकी दर्ज करवायी जा चुकी है. कई मनगढ़ंत मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के बाद कथित रूप से पीड़ित न्यायालय में नालसी दर्ज करवाने के फिराक में जुटे हुए हैं.
पुलिस थाना में दर्ज विभिन्न प्राथमिकी की जांच में वरीय पुलिस पदाधिकारी जुट गये हैं.हालांकि ऐसे मामलों से ग्राम पंचायत की शांति व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.वहीं इन घटनाओं के कारण ग्राम पंचायत का विकास प्रभावित होने की शंका भी जाहिर की जा रही है.थाना स्तर के पुलिस पदाधिकारी भी मानते हैं कि चुनावी रंजिश का विवाद अगर सुलगता रहा तो आने वाले समय में इसका परिणाम भयावह बन कर सामने आयेगा.वहीं चुनावी रंजिश के कारण हो रहे विवाद और मुकदमेबाजी को देख कर ग्राम पंचायत की जनता भी हत्प्रभ है.
प्रतिष्ठा से जोड़ कर लड़ रहे थे चुनाव : चुनाव बाद होने वाले विवाद का मूल कारण प्रत्याशियों द्वारा पंचायत चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़ कर चुनाव मैदान में खड़ा होना बताया जा रहा है.हालांकि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है.मतदाता अपने हिसाब से प्रत्याशी का चयन कर वोट देती है.लेकिन कुछ प्रत्याशी धन-बल और राजनीतिक पहुंच के बूते पंचायत चुनाव में जनप्रतिनिधि बनने का सपना पाल रहे थे.
अब चुनाव परिणाम की घोषणा होने के बाद हारने और जीतने के बाद ऐसे प्रत्याशी और जनप्रतिनिधि के समर्थक सड़क पर हाथापायी करने से बाज नहीं आ रहे हैं.छोटी-छोटी बातों को तूल दे कर विवाद का कारण बनाया जा रहा है.हालांकि जिले में अब तक हिंसक झड़प या संगीन वारदात के मामले अब तक सामने नहीं आये हैं.
विकास और शांति व्यवस्था पर असर : ग्राम पंचायतों में छिड़ी चुनावी रंजिश का असर पंचायत के विकास योजना सहित शांति-व्यवस्था पर पड़ने की संभावना से ग्रामीण सहमे हुए हैं.सुखपुर पंचायत के नवीन कुमार कहते हैं कि जो विवाद शुरू हुआ है, उसे अगर जल्द समाप्त नहीं करवाया गया तो आगे भी हिंसक विवाद की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है.बसबिट्टी पंचायत की मीरा देवी कहती है कि चुनावी विवाद का असर विकास योजनाओं पर पड़ेगा.
विवाद के कारण विकास योजनाएं प्रभावित होंगी.जब भी किसी जनहित की योजना को सरजमीन पर लागू करने का प्रयास किया जायेगा, तो विरोधी योजना को पूरा नहीं होने देंगे.जिस कारण पंचायत का संपूर्ण विकास संभव नहीं हो पायेगा.वहीं बसबिट्टी पंचायत के ही युवा व्यवसायी मुकेश साह कहते हैं कि पंचायत स्तर पर सामाजिक पहल कर चुनावी रंजिश के विवाद को समाप्त करना जरूरी है.नहीं तो इसके दुष्परिणाम से आम जनता भी प्रभावित होगी.
झड़प को लूट बना कर हो रही प्राथमिकी
चुनावी रंजिश के कारण हो रहे विवाद के मामले को संगीन आपराधिक घटना बता कर थाना में प्राथमिकी दर्ज करवायी जा रही है.जिस कारण विभिन्न मामलों के दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बन पाती है.सदर थाना में दर्ज कांड संख्या 279/16 में जहां चाकू मारने के बाद निर्वाचित मुखिया पर चेन, अंगूठी और घड़ी लूटने का आरोप लगाया गया है.वहीं इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी इस पूरे मामले को पटाखा फोड़ने को लेकर हुए विवाद बता रहे हैं.
कुछ यही स्थिति सदर थाना में दर्ज थाना कांड संख्या 282/16 का भी है.इस प्राथमिकी में चुनावी रंजिश की बात कहते हुए आरोपियों पर घर में घुस कर बक्सा लूट कर ले जाने का आरोप लगाया गया है.यह स्थिति सभी मामलों की है.पुलिस आवेदक द्वारा दिये गये आवेदन में लगाये गये आरोप पर सुसंगत धारा में प्राथमिकी दर्ज कर मामले का वरीय पदाधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण किये जाने का इंतजार कर रही है.
चुनावी रंजिश को लेकर हो रहे विवाद पर पुलिस प्रशासन गंभीर है.इस विवाद के रोकथाम के लिए बेहतर रणनीति तय की गयी है.मतगणना संपन्न् होने के बाद पंचायत स्तर पर शांति समिति का गठन कर ऐसे विवादों को सामाजिक पहल के जिरिये सुलझाया जायेगा.
डॉ कुमार ऐकले, एसपी, सुपौल
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