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लापरवाही. चुनाव चिह्न के लिए प्रत्याशी लगा रहे हैं कार्यालय का चक्कर

11 को ही मिलना था चुनाव चिह्न अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार नाम वापसी की अंतिम तिथि को ही प्रत्याशियों के बीच चुनाव चिह्न आवंटित किया जाना था. सदर प्रखंड में इसके लिए 11 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी थी. जिला परिषद समेत जिले के […]

11 को ही मिलना था चुनाव चिह्न

अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार नाम वापसी की अंतिम तिथि को ही प्रत्याशियों के बीच चुनाव चिह्न आवंटित किया जाना था. सदर प्रखंड में इसके लिए 11 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी थी. जिला परिषद समेत जिले के अन्य प्रखंडों में भी निर्वाची पदाधिकारी द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन करते हुए चुनाव चिह्न आवंटित किया गया, लेकिन सदर प्रखंड में नाम वापसी की तिथि को एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अभ्यर्थियों को चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया गया है. इस वजह से चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ गयी है.
पंपलेट छपवाने में हो रही है परेशानी
प्रखंड कार्यालय में इधर-उधर भटक रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया गया है. प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी द्वारा कार्यालय के दिवाल पर चुनाव चिह्न चश्पा किये जाने की बात बतायी जा रही है, जबकि वहां किसी के द्वारा उसे फाड़ दिया गया है.
नियमानुसार प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव चिह्न आवंटित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. अभ्यर्थियों ने बताया कि नामांकन के बाद उन्हें क्षेत्र में रहना चाहिए. इसके लिए पोस्टर व पंपलेट की भी आवश्यकता है, लेकिन चुनाव चिह्न नहीं प्राप्त होने की वजह से उन्हें पोस्टर एवं पंपलेट छपाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जिला पदाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों के बीच चुनाव चिह्न आवंटित किया जाना चाहिए. इसके लिए बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी को निर्देश दिया जा रहा है.
प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी आर्य गौतम ने बताया कि अभ्यर्थियों को चुनाव चिह्न देने का कोई नियम नहीं है. प्रपत्र नौ में दीवार पर चिपका दिया गया है.
कहते हैं पंचायती राज पदाधिकारी
पंचायती राज पदाधिकारी काली चरण ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को अलग-अलग चुनाव चिह्न आवंटित किया जाना संभव नहीं है.
निर्देश की नहीं दी जा रही जानकारी
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के अनुपालन के लिए कई निर्देश जारी किये गये हैं. आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने का भी निर्देश दिया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि चुनाव के दौरान किन बातों का ख्याल रखा जाय ताकि उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो सके.
शनिवार को कई अभ्यर्थी निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश की प्रति के लिए प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन उन्हें इसकी प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी और न ही उन्हें इससे संबंधित किसी प्रकार की जानकारी ही दी गयी. मुखिया पद के लिए चुनाव लड़ रहे जदयू जिलाध्यक्ष रामविलास कामत ने बताया कि प्रखंड कार्यालय में अभ्यर्थियों के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है.
पंचायत चुनाव के तहत विभिन्न पदों के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी इन दिनों अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने के बजाय दिन भर प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. प्रत्याशियों के बीच अब तक न तो चुनाव चिह्न ही आवंटित किया गया है और न ही अन्य किसी प्रकार की जानकारी ही उपलब्ध करायी जा रही है. जिसके कारण प्रत्याशियों में आक्रोश व्याप्त है.
सुपौल : पंचायत चुनाव के तहत विभिन्न पदों के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी इन दिनों अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने के बजाय दिन भर प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद उनके समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. दरअसल अंतिम चरण में सदर प्रखंड के 26 पंचायतों में विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनाव प्रक्रिया के लिए नामांकन के बाद प्रखंड कार्यालय में अभ्यर्थियों के समस्या के समाधान के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गयी है
. इस कारण अभ्यर्थी परेशान हैं. प्रत्याशियों के बीच अब तक न तो चुनाव चिह्न ही आवंटित किया गया है और न ही अन्य किसी प्रकार की जानकारी ही उपलब्ध करायी जा रही है. नतीजतन चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थी अपने क्षेत्र में जाने के बजाय प्रखंड कार्यालय में ही दिन भर समय व्यतीत करने पर विवश हैं. शनिवार को सैकड़ों प्रत्याशी चुनाव चिह्न प्राप्त करने के लिए प्रखंड कार्यालय में इधर-उधर भटकते रहे.

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