11 सूत्री मांगों को लेकर यूबीजीबी कर्मी हड़ताल पर
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ग्रामीण बैंकों में ठेकेदारी प्रथा समाप्त हो
11 सूत्री मांगों को लेकर यूबीजीबी कर्मी हड़ताल पर सुपौल : युनाईटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस के 11 सूत्री मांगों के समर्थन में शुक्रवार को उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा सुपौल के सभी कर्मी हड़ताल पर रहे. हड़ताल पर डटे सदस्यों ने बताया कि ग्रामीण बैंक कर्मियों को एक लंबे संघर्ष के उपरांत प्रवर्तक बैंक […]
सुपौल : युनाईटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस के 11 सूत्री मांगों के समर्थन में शुक्रवार को उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक शाखा सुपौल के सभी कर्मी हड़ताल पर रहे. हड़ताल पर डटे सदस्यों ने बताया कि ग्रामीण बैंक कर्मियों को एक लंबे संघर्ष के उपरांत प्रवर्तक बैंक कर्मियों के समान वेतन मिल रहा था. साथ ही अन्य सभी भत्तों को लेकर वे सभी संघर्ष रत हैं.
बताया कि देश भर के कुछ ग्रामीण बैंकों में नव नियुक्त कार्यालय सहायकों को वेतन निर्धारण के समय ग्रैजुएसन इंक्रीमेंट नहीं देकर वेतन निर्धारण में असमानता की शुरुआत की गयी. सदस्यों ने बताया कि सरकार द्वारा प्रायोजित सभी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कर्तव्य निष्ठ होकर सभी ग्रामीण बैंक कर्मी करते आ रहे हैं. फिर भी उन सबों के साथ भेदभाव की नीति अपनायी जा रही है. सदस्यों ने बताया कि सरकार द्वारा मित्रा कमेटी की अनुशंसा जो पूर्ण रूप से ग्रामीण विरोधी है.
उसे लागू कर दिया गया. बताया कि ग्रामीण बैंक की शाखाओं के वर्गीकरण में व्यवसाय में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी गयी. जिसके कारण प्रोन्नति का अवसर समाप्त हो जायेगा. सदस्यों ने बताया कि प्रवर्तक बैंक में अनुकंपा आधारित नौकरी बंद होने पर ग्रामीण बैंकों में भी बंद कर दिया गया.
साथ ही प्रवर्तक बैंक में अनुकंपा आधारित नौकरी पुन: लागू कर दिया गया है. जबकि यह सुविधा ग्रामीण बैंक को नहीं दी गयी है. कहा कि वे सभी अन्य व्यावसायिक बैंक की तरह कार्य करते हैं. बावजूद इसके ग्रामीण बैंक कर्मी की सेवा दोयम दर्जे का है. बताया कि ग्रामीण बैंक के निजीकरण का प्रस्ताव संसद से गत वर्ष पारित हो गया. बावजूद इसके सरकार पेंसन मामले के मसलों में अपील दायर कर मुद्दे को अटकाये हुए हैं.
कहा कि पेंसन की सुविधा नहीं रहने से रिटायर्ड साथी कंगाल जीवन व्यतीत करने को विवश हो रहे हैं. इस मौके पर राजीव रंजन सिंह, शशि शेखर, अर्जुन, मो जमील अख्तर, विंदेश्वरी चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे.
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