बिसनपुर गांव के लोगों को सड़क के लिए तारणहार का इंतजार -आजादी के छह दशक बाद भी नहीं बन सका बिसनपुर-हरदी सड़क- सड़क की वजह से संबंध नहीं जोड़ना चाहते है अन्य गांव के लोग-पंचायत विकास के सभी दावे हो रहे खोखले साबित फोटो-06 से 12 तककैप्सन- जर्जर सड़क व प्रतिक्रिया व्यक्त करने वालों का फोटो. प्रतिनिधि, सुपौलग्रामीणों क्षेत्रों को शहर से जोड़ने के लिए सरकार भले ही लाख दावे कर रही हो, लेकिन आजादी के लगभग छह दशक बीत जाने के बावजूद सदर प्रखंड के हरदी पश्चिम पंचायत के बिसनपुर व दुर्गा स्थान को जोड़ने वाली लगभग डेढ़ किलो मीटर लंबी सड़क आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. सड़क व इस पर बने पुल की जर्जर स्थिति व इस पर बने पुल की खस्ता हालत की वजह से इस सड़क पर वाहनों का चलना तो दूर पैदल चलना भी लोगों के लिए काफी कष्टदायक है. लगभग 05 हजार की आबादी को मुख्य सड़क (सुपौल-सिंहेश्वर) जोड़ने वाली सड़क आज भी प्रशासनिक उदासीनता के कारण नहीं बन सकी है. इससे बिसनपुर गांव के 03,04 एवं 05 वार्ड के लगभग हजारों की आबादी को अपने पंचायत के दूसरे वार्ड में जाने के लिए लगभग आठ किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर जाती है. कहते है ग्रामीणदशकों से प्रशासनिक उदासीनता के कारण जर्जर सड़क से आवागमन को मजबूर यहां के ग्रामीण को आज भी इस सड़क के तारणहार का इंतजार है. बौकू राय बताते है किसी भी क्षेत्र का विकास वहां सड़क व बिजली के बिना संभव नहीं है. कहते है हमारी उम्र 70 के पार हो चुकी है. दशकों से सड़क के जीर्णोधार के लिए हमारी आंखे तरस गयी है. रवींद्र यादव बताते है कि जर्जर सड़क के कारण सबसे ज्यादा परेशानी आपातकाल के समय मरीजों व गर्भवती महिलाओं को होती है. क्योंकि इस सड़क की हालत इतनी खराब है कि उस वाहनों का परिचालन तो दूर पैदल चलना भी काफी मुश्किल भरा है.सुंदर मंडल कहते है सड़क की वजह से इस गांव में कोई अपनी बेटी तो दूर बेटा का विवाह भी नहीं करना चाहता है. सबसे ज्यादा परेशानी शादी विवाह को लेकर होती है. कोई भी व्यक्ति इस गांव के इस वार्ड में अपने बाल .-बच्चों की शादी करना नहीं चाहता है.राम विलास यादव का कहना है कि इसके लिए कई बार हमलोग नेता से लेकर पंचायत स्तर पर इस सड़क के जीर्णोधार को लेकर गुहार लगाया है. लेकिन यहां के लोगों की कोई नहीं सुनता. अब तो हम लोगों ने भी भगवान भरोसे ही छोड़ दिया है.संजय कुमार बताते है कि ग्रामीणों क्षेत्र के विकास का सरकारी दावा इस गांव की सड़क को देख कर खोखला साबित होता है. बताया सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली छात्रों को होती है. जिन्हें उच्च विद्यालय आने के हरदी दुर्गा स्थान जाना पड़ता है. अब हालत ये है कि सरकार द्वारा बच्चों को साइकिल योजना का लाभ दिया जा रहा है. लेकिन छात्र व छात्राओं को साइकिल की कोई उपयोगिता ही नहीं रह गयी है. क्योंकि इस कठिन रास्ते पर साइकिल तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है.श्रीचरण कुमार का कहना है कि गांवों की तरक्की वहां पर सड़क व बिजली की सुविधा पर आश्रित है. हालांकि विद्युतीकरण का कार्य तो आरंभ हो गया है. लेकिन सड़क निर्माण के दिशा में अब तक कोई पहल सरकारी स्तर पर नहीं की गयी है. इसी प्रकार ग्रामीण चंदेश्वरी यादव, राम चंद्र यादव, गणेश यादव, प्रमोद कुमार, श्याम यादव, मिथिलेश कुमार, प्रदीप कुमार, कैलाश यादव, लक्ष्मण तांती, कमलेश्वरी सादा, सदानंद कुमार आदि का कहना है कि सड़क निर्माण के दिशा मे सरकारी स्तर पर जल्द ही कोई ठोस पहल नहीं की गयी. तो बाध्य हो कर ग्रामीणों द्वारा सड़क निर्माण को लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे. कहती हैं मुखियामुखिया पूनम देवी ने बताया कि पूर्व में पंचायत रोजगार सेवक के निलंबन के बाद पंचायत का विकास कार्य पूरी तरह प्रभावित हो गया था. उसकी जगह नव पदस्थापित पंचायत रोजगार सेवक पंचायत आते भी नहीं है. जो भी लंबित कार्य है उसका भी भुगतान पंचायत रोजगार सेवक द्वारा अब तक नहीं किया गया है. उक्त सड़क का हरदी से बिसनपुर होते हुए अंदौली तक जिसकी लंबाई लगभग 06 किलो मीटर है. मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से स्वीकृत है. जल्द ही इस पर निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा.
बिसनपुर गांव के लोगों को सड़क के लिए तारणहार का इंतजार
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