त्रिवेणीगंज (सुपौल) : पुलिस कस्टडी में शनिवार को एक वारंटी की मौत हो गयी. पुलिस जहां इस मौत को स्वाभाविक बता रही है, वहीं मृत युवक के परिजन इसे पुलिस द्वारा की गयी अत्यधिक पिटाई के कारण हुई मौत बता रहे हैं. फिलहाल मृत प्रमोद सरदार (32) के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.
एहतियात के तौर पर अनुमंडल मुख्यालय में बाहर से पुलिस बल को बुलाया गया है. रैपिड एक्शन फोर्स एवं अन्य पुलिस बल की थाने में तैनाती की गयी है.पुलिस को सूचना मिली थी कि पिपरा थाना कांड संख्या 91/99 का फरार वारंटी सूरज सरदार अपने अन्य साथियों के साथ थाना क्षेत्र के मचहा गांव स्थित खेत में मछली पकड़ने गया है. थानाध्यक्ष राज किशोर बैठा के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने उन लोगों की घेराबंदी की.
इसके बाद वारंटी प्रमोद सरदार एवं बिसुनदेव सरदार के अलावा दो अन्य सिकेन सरदार तथा ओमप्रकाश सरदार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार घेराबंदी के दौरान प्रमोद सरदार ने भागने की कोशिश की और काफी दूर तक खदेड़ कर उसे गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार, गिरफ्तारी के वक्त प्रमोद सरदार के मुंह से झाग निकल रहा था. वहीं पुलिस ने बिसुनदेव सरदार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया,
जबकि सिकेन सरदार एवं ओमप्रकाश सरदार को पीआर बांड भरवा कर छोड़ दिया.परिजन लगा रहे हैं हत्या का आरोप थाना क्षेत्र के मचहा वार्ड नंबर 11 निवासी प्रमोद सरदार के मौत की सूचना के बाद थाने पहुंची उसकी पत्नी अनीला देवी, चाची नूनूवती देवी एवं अन्य महिलाओं ने थाने में एसडीपीओ चंद्रशेखर विद्यार्थी एवं पुलिस निरीक्षक जय शंकर सिंह के समक्ष जम कर हंगामा किया. इस दौरान परिजन पुलिस पर प्रमोद की हत्या का आरोप लगा रहे थे.
महिलाओं ने कहा कि पुलिस द्वारा प्रमोद की बेरहमी से पिटाई की गयी, जिसके कारण उसकी मौत हो गयी. आक्रोशित महिलाएं बार-बार डीएसपी से प्रमोद के शव को सामने लाने की मांग कर रही थीं.गंभीर अवस्था में लाया गया अस्पतालरेफरल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉ बीएन पासवान ने बताया कि प्रमोद सरदार को पुलिस द्वारा गैसपेन की स्थिति में लाया गया था.
उसकी हालत काफी चिंताजनक रहने के कारण उसे रेफर कर दिया गया. बताया जाता है कि उपचार के लिए बाहर ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. सदर अस्पताल में शनिवार की संध्या प्रमोद सरदार के शव का पोस्टमार्टम किया गया. जिला प्रशासन के निर्देश पर वरीय उपसमाहर्ता अरुण कुमार को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था.
उनकी देखरेख में सदर अस्पताल के चिकित्सकों पे शव का पोस्टमार्टम किया. हालांकि पोस्टमार्टम से पूर्व शव के सदर अस्पताल पहुंचने के बाद इसे गोपनीय रखा जा रहा था. शव पहुंचने के करीब तीन घंटे बाद सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण किये जाने पर संध्या काल शव का पोस्टमार्टम किया गया. इस अवसर पर सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव सुरक्षा की कमाल संभाल रहे थे.