if(!is_mobile()){ print('headerdesktop'); }
22.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जून माह से नहीं मिला शक्षिकों को वेतन

जून माह से नहीं मिला शिक्षकों को वेतन प्रतिनिधि, सुपौल शिक्षा के बिना जीवन को अधूरा माना जाता है. सभी को शिक्षा प्रदान हो. इसे लेकर सरकार द्वारा पंचायत स्तर इकाई भी बनाया गया . वहीं प्रखंड, नगर सहित अन्य इकाईयों का गठन कर शैक्षणिक कार्य जिले भर में कराया जा रहा है. उक्त इकाइयों […]

जून माह से नहीं मिला शिक्षकों को वेतन प्रतिनिधि, सुपौल शिक्षा के बिना जीवन को अधूरा माना जाता है. सभी को शिक्षा प्रदान हो. इसे लेकर सरकार द्वारा पंचायत स्तर इकाई भी बनाया गया . वहीं प्रखंड, नगर सहित अन्य इकाईयों का गठन कर शैक्षणिक कार्य जिले भर में कराया जा रहा है. उक्त इकाइयों को नियंत्रित किये जाने को लेकर विभाग भी गठित है. इसकी देख-रेख संबंधित पदाधिकारियों द्वारा की जा रही है. साथ ही कार्यरत शिक्षक भी अपने – अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं. वहीं विभाग द्वारा आवश्यकता अनुसार विद्यालय खोल कर पठन – पाठन का कार्य कराया जा रहा है. पर, विभागीय खामियाें के कारण अब तक सैकड़ों शिक्षकों को जून माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. इस कारण अधिकांश शिक्षक आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. पेच में फंसा शिक्षकों का भुगतान जिले के छातापुर प्रखंड में कार्यरत 860 नियोजित शिक्षकों के वेतन का भुगतान विभागीय पेच में फंसा हुआ है. इस कारण शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की समस्या आन पड़ी है. मालूम हो कि सरकार द्वारा शिक्षकों को एक जुलाई से वेतनमान दिये जाने की घोषणा की गयी. जहां जिले के अधिकांश प्रखंडों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों की संबंधित कागजी प्रक्रिया पूरी कर विभाग द्वारा वेतन का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन छातापुर प्रखंड के सैकड़ों नियोजित शिक्षकों द्वारा विभाग को कागजात सौपे जाने के बावजूद वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. कारण जो भी रहा है शिक्षक गण द्वारा वेतन भुगतान की समस्या के मामले में बीआरसी कार्यालय से पूछे जाने पर बताया जाता है कि वे संबंधित कागजात को जिला स्थापना कार्यालय को समर्पित कर चुके हैं. आंदोलन के बाद भी नहीं हुआ भुगतान लोकतंत्र में आंदोलन को जायज ठहराया गया है. विभागीय प्रक्रिया से आजिज होकर शिक्षकों ने आंदोलन कर विभाग को जगाने का विकल्प चुना. बीते नवंबर माह में सभी शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय परिसर में शांतिपूर्ण तरीके से आमरण अनशन पर बैठ गये. आंदोलन के तीसरे दिन सरकारी महकमे के पदाधिकारी ने अविलंब मामले को सुलझा लेने का आश्वासन दिया. आश्वासन के सहारे जी रहे शिक्षकों ने अपना आमरण अनशन को वापस लिया. ताकि विद्यालय के शैक्षणिक प्रभावित ना हो. आंदोलन के वापसी को स्थानीय लोगों ने सराहते हुए कहा कि शिक्षा के प्रति जितना शिक्षक चिंतित दिखायी पड़ रहे हैं. विभाग उतना ही उदासीन बना हुआ है. जिस कारण समाज में शिक्षकों को उपेक्षित भाव से देखा जा रहा है. लोगों ने यहां तक कहा कि विभागीय संवेदन हीनता के कारण प्रखंड क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था बदहाल बना हुआ है. कहते हैं पदाधिकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सत्येंद्र नारायण कंठ ने बताया छातापुर प्रखंड में कार्यरत नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर बैंक को भेज दिया गया है. बताया कि दो दिन पूर्व वे खुद बैंक प्रबंधन से बात कर शीघ्र ही समस्या का निदान किये जाने का आग्रह किया है. बताया कि एक – दो दिनों के भीतर शिक्षकों को वेतन का भुगतान हो जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें