छातापुर : प्रखंड मुख्यालय से पूरब बसे नौ पंचायतों को जोड़ने वाली छातापुर-गिरधरपट्टी नवनिर्मित पक्की सड़क पर आवागमन बाधित होने का खतरा मंडरा रहा है. इस सड़क में एक सप्ताह पूर्व ही भारी ट्रक ने मुरलीगंज शाखा नहर पर बने पुल को क्षतिग्रस्त कर इलाके के लोगों को मुसीबत में डाल दिया.
दशकों पूर्व बनाये गये इन पुलों की स्थिती काफी जर्जर है. जहां हल्के वाहनों का परिचालन ही संभव है. पर, इन दिनों सड़क निर्माण कंपनी एवं सप्लायरों द्वारा बेरोकटोक भारी ट्रकों से ओवरलोड मेटेरियल ले जाया जा रहा है, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है. पुल क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हो जाने की जानकारी कई लोगों द्वारा प्रशासन को दी गयी लेकिन प्रशासन इस दिशा उदासीन बना है.
दरअसल इस सड़क में रानीपट्टी वितरणी नहर सहित कई स्थानों पर दशकों पूर्व बना पुल व पुलिये का पाया धंस कर जर्जर अवस्था में है. नयी पक्की सड़क बनने के बाद इस सड़क पर हल्के वाहनों का परिचालन तो बढा ही साथ ही भारी वाहनों की भी आवाजाही बढ़ी है. जानकारों की मानें तो छातापुर से गिरधरपट्टी तक बने इस सड़क निर्माण के लिए बनाये गये प्राक्कलन में कहीं भी पुल-पुलियों की चर्चा नहीं है.इस वजह से चकाचक सड़क के साथ जर्जर पुलों पर ही वाहन फर्राटे भर रही है.
जहां हमेशा ही दुर्घना की आशंका बनी रहती है.कहते हैं लोगअजय कुमार सिंह बताते हैं कि सड़क के साथ पुल व पुलियों के निर्माण का भी प्राक्कलन होना चाहिये. ऐसा नहीं रहने की वजह से सड़क निर्माण के बावजूद जहां आम लोगों को आवागमन की समस्या बनी हुई है, वहीं सरकारी उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है.
अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह ने कहा कि सड़क में पुल- पुलिया निर्माण शरीर में आत्मा की तरह होता है. पुल निर्माण के बिना पक्की सड़क का लाभ आम लोगों को नहीं मिल सकता. सुरेंद्र जैन ने कहा कि इस सड़क में एक पुल तो क्षतिग्रस्त हो गया, शेष सभी पुल-पुलिया जर्जर है. इस लिए किसी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
कहा कि आवागमन बाधित नहीं हो इसके लिए प्रशासन को सार्थक पहल करनी चाहिए. टुनटुन मंडल ने कहा कि जब तक नये पुल पुलिया का निर्माण नहीं हो जाता तब तक प्रशासन को भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगानी चाहिये. अन्यथा नौ पंचायतों के हजारों की आबादी के लिये आवागमन की भारी समस्या उत्पन्न हो सकती है.