जगत जननी सीता ने मुंगेर में की थी सूर्योपासना फोटो : सीताचरण प्रतिनिधि, मुंगेरसूर्योपासना का महापर्व छठ का अंग नगरी मुंगेर में विशेष महत्व रहा है. क्योंकि यहां जगत जननी माता सीता ने छठ व्रत की थी और अस्ताचल व उदीयमान भगवान भास्कर को अर्ध्य दान किया था. उत्तरवाहिनी गंगा के मध्य स्थित जिस पहाड़ के टील्हे पर जानकी ने सूर्योपासना की थी वह स्थल आज सीताचरण के नाम से प्रसिद्ध है. मुंगेर सोझीघाट के ठीक सामने लगभग एक किलोमीटर पर स्थित सीताचरण यूं तो मां गंगा के गर्भ स्थल में हैं. किंतु गंगा की मुख्य धारा में बदलाव के कारण आज सीताचरण दियारा क्षेत्र हो गया है. प्रशासनिक स्तर पर धार्मिक व पर्यटक स्थल के रूप में इसके विकास की कई बार घोषणाएं हुई. लेकिन आज भी यह स्थल पूरी तरह उपेक्षित है. बावजूद श्रद्धालु मां सीता के चरण स्थल को देखने व नमन करने आज भी यहां आते हैं. मान्यता है कि माता सीता ने इसी शिलाखंड पर उपस्थित होकर अर्ध दान की थी. जिस स्थान पर माता सीता खड़ी होकर छठ मैया की उपासना की थी वहां आज भी उनके पद चिह्न अंकित हैं. सीताचरण के शीलाखंड पर पूरबमुखी व पश्चिममुखी दो चरण के चिह्न अंकित हैं. विद्वान इतिहासकार प्रिर्यशन ने जनकपुर धाम में अंकित सीता के चरण व मुंगेर स्थित सीताचरण के चरण चिह्न को एक समान माना है. यूं तो अबतक यह स्थल पूरी तरह अपेक्षित है. लेकिन राम बाबा ने यहां के शीलाखंड पर मंदिर बना कर उसे श्रद्धालुओं का केंद्र बना दिया है.
जगत जननी सीता ने मुंगेर में की थी सूर्योपासना
जगत जननी सीता ने मुंगेर में की थी सूर्योपासना फोटो : सीताचरण प्रतिनिधि, मुंगेरसूर्योपासना का महापर्व छठ का अंग नगरी मुंगेर में विशेष महत्व रहा है. क्योंकि यहां जगत जननी माता सीता ने छठ व्रत की थी और अस्ताचल व उदीयमान भगवान भास्कर को अर्ध्य दान किया था. उत्तरवाहिनी गंगा के मध्य स्थित जिस पहाड़ […]
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