सुपौल : लोकतंत्र के महापर्व मनाये जाने को लेकर जिले भर के मतदाताओं में उत्साह का माहौल देखा गया. इस मतदान में जिले के पांचों विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे सभी 52 प्रत्याशियों की किस्मत इवीएम में कैद कर लिया गया है. गुरुवार को सुबह से ही सड़कों पर युवा, महिला व बुजुर्गों की चहलकदमी देखी गयी.
मतदाताओं ने अपने-अपने बूथों पर जाकर मताधिकार का प्रयोग किया. इस दौरान प्रत्याशियों के अभिकर्ता से लेकर पार्टी के कार्यकर्ता तक बूथ की ओर जा रहे मतदाताओं की ओर टकटकी लगाये हुए थे. मतदान केंद्र की निर्धारित परिधि के बाहर मतदाता गली,
मुहल्ले, चौक-चौराहे के आस पास एकत्रित होकर अपने- अपने क्षेत्र के प्रत्याशियों की विजयी होने पर चर्चा कर रहे थे तो कुछ मतदाता जिन्होंने पहली बार अपना वोट डाले हैं वे उन प्रत्याशी के विजयी होने का भी दावा करते दिखे. वोट की बढ़ोतरी के आस में सड़क किनारे आम लोगों के दरवाजे पर बैठ कर कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं का हाल-चाल लिया जा रहा था.
यहां तक कि मतदाता परची उपलब्ध रहने के बावजूद मतदाता क्रम संख्या, बूथ नंबर आदि की जानकारी वोटरों को दी जा रही थी. साथ ही कुछ लोग गुड मॉर्निंग, प्रणाम आदि शब्द के साथ वोटरों के समक्ष अपने मन की बात बयां करते दिखे. इस दौरान अधिकांश मतदाता सिर्फ कार्यकर्ताओं के बोल वचन सुनते हुए मतदान केंद्र की तरफ बढ़ते भी नजर आ रहे थे.
वहीं कुछ वोटर द्वारा उनके अभिवादन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर मतदान को काफी रोचक बनाये की भूमिका निभायी जा रही थी. भारतीय संविधान में चुनाव अप्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रणाली द्वारा किया जाता है. वैसे प्रत्येक व्यक्ति का सोच व विचार अलग-अलग है. मतदाता के वोट से ही प्रत्याशी की जीत व हार होता रहा है. लेकिन उत्तरोत्तर काल में चुनाव दर चुनाव प्रत्याशियों के लिए राह कठिन होता जा रहा है. स्थिति ऐसी है कि इस चुनाव में अधिकांश क्षेत्रों में त्रिकोणीय व चतुष्कोण संघर्ष उत्पन्न है, जिस कारण प्रत्याशी सहित मतदाताओं को भी चिंताएं होना लाजिमी है.