उक्त बातें प्रवचन के दौरान बुधवार को स्वामी रामदेव बाबा ने गौरवगढ़ वार्ड नंबर 04 स्थित डाॅ भागवत प्रसाद मंडल के आवास पर आयोजित साप्ताहिक ध्यानाभ्यास शिविर को संबोधित करते हुए कहीं.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जीव मात्र को जीने के लिए प्राण वायु की आवश्यकता होती है. उसी प्रकार मानव जीवन के सर्वोच्च कोटि में पहुंचने के लिए साधक को साधना करना अनिवार्य है. सत्संग को नंद किशोर बाबा ने भी संबोधित करते हुए लोगों को अध्यात्म के महत्व से अवगत कराया.
दुर्गा पूजा के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक ध्यानाभ्यास शिविर के आयोजन पर सत्संग प्रेमी भगवान दत्त चौधरी ने बताया कि एक सप्ताह चलने वाले ध्यानाभ्यास शिविर में भाग लेने वाले लोगों के लिए नियमित ध्यान अभ्यास कराये जाने की व्यवस्था की गयी है. नियमानुकूल प्रत्येक दिन पांच सत्र में ध्यान अभ्यास का कार्यक्रम चलाया जाता है.
इसमें पूर्वाह्न 03:00 बजे से 04:00 बजे, 05:00 बजे से 06:00 बजे तक ध्यानाभ्यास होता है. उसके बाद 06:30 बजे से 09:00 बजे तक सत्संग व प्रवचन व स्तुति प्रार्थना का कार्यक्रम होता है. पुन: 10:00 बजे से 11:00 बजे और अपराह्न 02:00 बजे से 03:00 तक ध्यानाभ्यास व 03:00 बजे से 05:00 बजे स्तुति विनती व प्रवचन का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. उसके बाद पुन: 06 से 07:00 बजे तक ध्यान अभ्यास का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है.
उन्होंने कहा कि ध्यानाभ्यास सह सत्संग का यह कार्यक्रम विजयादशमी तक चलेगा. ध्यानाभ्यास शिविर में भाग लेने वाले सत्संग प्रेमी के लिए सारी व्यवस्था की गयी है. ध्यानाभ्यास के दूसरे दिन प्रवचन के दौरान उपस्थित सत्संग प्रेमियों में संत सुखानंद बाबा, मिश्री लाल बाबा, बलदेव प्रसाद मंडल, भगवान दत्त चौधरी, राम लखन मंडल, रामाधीन मंडल, हर्ष कुमार आदि मौजूद थे.