फोटो-04कैप्सन- जर्जर पशु चिकित्सालय पिपरा. प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय भवन मरम्मती के अभाव में जर्जर हो चुका है. जबकि दो वर्ष पूर्व बने पशु चिकित्सालय भवन का उपयोग रेसिडेंस के रूप किया जा रहा है. दो वर्ष पूर्व 34 लाख रुपये की लागत से पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण कराया गया था. उद्देश्य यह था कि जर्जर भवन में चिकित्सक व पशु मालिकों को नहीं जाना पड़े. लेकिन विभागीय अधिकारी व कर्मियों ने नवनिर्मित भवन पर कब्जा जमा लिया और बाध्य होकर जर्जर भवन में ही पशु चिकित्सालय संचालित किया जा रहा है. प्रथम वर्गीय भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोपाल प्रसाद सिंह ने अस्पताल भवन के जर्जर होने की बात को स्वीकार करते हुए बताया कि नये भवन के उपरि हिस्से का उपयोग वे स्वयं रहने के लिए कर रहे हैं, जबकि नीचे में पशु चिकित्सा से संबंधित सामग्री रखी जाती है. उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सालय में कई समस्याएं हैं, जिसके शीघ्र निदान की आवश्यकता है. श्री सिंह ने बताया कि वरीय पदाधिकारी को वर्तमान स्थिति से अवगत करा दिया गया है.
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पशु चिकित्सालय का भवन है जर्जर
फोटो-04कैप्सन- जर्जर पशु चिकित्सालय पिपरा. प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय भवन मरम्मती के अभाव में जर्जर हो चुका है. जबकि दो वर्ष पूर्व बने पशु चिकित्सालय भवन का उपयोग रेसिडेंस के रूप किया जा रहा है. दो वर्ष पूर्व 34 लाख रुपये की लागत से पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण कराया गया था. […]
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