प्रतिनिधि, सुपौलकार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में डीएम एलपी चौहान ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं एसीएमओ के वेतन पर रोक लगा दी है. इस बाबत जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि एंबुलेंस चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. उनके द्वारा पूर्व सूचना दिये जाने के बावजूद सिविल सर्जन व डीपीएम ने अपेक्षित कार्रवाई नहीं की और ना ही इस संबंध में जिला प्रशासन को सूचना दी. बिना किसी प्रकार का निर्णय लिये ये पदाधिकारी राज्य स्तरीय कार्यशाला में भाग लेने बाहर चले गये. 11 फरवरी की रात मंडल कारा में विचाराधीन एक कैदी की तबीयत खराब हुई. इलाज के दौरान ज्ञात हुआ कि सीएस, एसीएमओ, उपाधीक्षक एवं डीपीएम मुख्यालय से बाहर हैं. 12 फरवरी को एंबुलेंस चालकों के साथ हुई वार्ता में उन्होंने हड़ताल समाप्त करने का आश्वासन दिया. इससे जाहिर होता है कि उपरोक्त विभागीय पदाधिकारियों द्वारा सरकारी कार्यों पर ध्यान नहीं दिया जाता है. डीएम ने इस बाबत सिविल सर्जन, एसीएमओ, उपाधीक्षक एवं डीपीएम से दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है तथा स्पष्टीकरण प्राप्त होने व अंतिम निर्णय होने तक एसीएमओ एवं उपाधीक्षक के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है. मालूम हो कि सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार जैन ने भी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की सूचना देते हुए अविलंब कार्रवाई की मांग की थी.
एसीएमओ एवं उपाधीक्षक के वेतन पर डीएम ने लगायी रोक
प्रतिनिधि, सुपौलकार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में डीएम एलपी चौहान ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एवं एसीएमओ के वेतन पर रोक लगा दी है. इस बाबत जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि एंबुलेंस चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. उनके द्वारा पूर्व सूचना दिये जाने के बावजूद सिविल सर्जन व डीपीएम ने अपेक्षित […]
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