कुनौली. सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति की घोषणा अब तक हवा में हीं तैर रहा है. जमीनी हकीकत यह है कि आज भी दूर-दूर तक धान अधिप्राप्ति आरंभ होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. जबकि धान खरीद की समय-सीमा 25 नवंबर 2014 से आरंभ हो कर 31 जनवरी 2015 तय की गयी थी. इस वजह से किसानों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है.-बाजार में धान बेचना मजबूरीकिसान गीता प्रसाद सिंह, रामफल मेहता, जीवछ मेहता, विशुनदेव मेहता, चंदन सिंह आदि ने बताया कि अधिकांश किसान रबी की खेती के लिए अपने धान को बेच चुके हैं. जिन किसानों के पास धान बचा हुआ भी है, मजबूरन अब खुले बाजार में अपने उत्पाद को बेचने के लिए विवश हैं. क्योंकि गेहूं की बोआई तो जैसे-तैसे हो गयी, लेकिन अब पटवन और खाद के लिए पूंजी की जरूरत है, जो अमूमन किसान धान बेच कर हीं प्राप्त करते हैं. किसानों ने बताया कि धान अधिप्राप्ति आरंभ कराने के लिए स्थानीय विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव से भी गुहार लगायी गयी है.-अधिप्राप्ति की राह में कई कठिनाईपैक्स अध्यक्ष सुभाष प्रसाद सिंह की मानें तो अब तक सरकार द्वारा प्रखंड स्तर पर क्रय केंद्र नहीं खोला जा सका है. वहीं कैश क्रेडिट की भी स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है. इसमें त्रि-स्तरीय एग्रीमेंट आवश्यक होता है, जो नहीं हुआ है. साथ हीं बोरा के मूल्य का भुगतान कौन करेगा, यह भी तय नहीं हो पाया है. इसके अलावा बोनस अध्यादेश का भी इंतजार किया जा रहा है. कुल मिला कर धान अधिप्राप्ति के लिए किसानों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा.
नहीं खुला धान क्रय केंद्र, अधर में धान अधिप्राप्ति
कुनौली. सरकार द्वारा धान अधिप्राप्ति की घोषणा अब तक हवा में हीं तैर रहा है. जमीनी हकीकत यह है कि आज भी दूर-दूर तक धान अधिप्राप्ति आरंभ होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. जबकि धान खरीद की समय-सीमा 25 नवंबर 2014 से आरंभ हो कर 31 जनवरी 2015 तय की गयी थी. इस […]
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