फोटो-5केप्सन- प्रवचन करते महाराज व उपस्थित श्रद्धालु प्रतिनिधि, त्रिवेणीगंज अनुपलाल यादव कॉलेज परिसर में बिहार प्रांतीय संतमत सत्संग का 18 वां वार्षिक अधिवेशन शनिवार को धूमधाम से प्रारंभ हुआ. दो दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन प्रात:कालीन प्रवचन को संबोधित करते हुए संतमत आश्रम मनियारपुर, बौंसी के आचार्य पूज्यपाद स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि ज्ञान सारे सुखों का जड़ है. जिसको जितना ज्ञान है, वह उतना ही सुखी है. ज्ञान को दो भागों में बांटा गया है. एक ज्ञान है भौतिक ज्ञान, दूसरा आध्यात्मिक ज्ञान. भौतिक ज्ञान से कुछ शारीरिक उपलब्धियों का सुख मिलता है, लेकिन वह तब तक ही सुख देता है जब तक वह संसार में है, जबकि आध्यात्मिक ज्ञान वह ज्ञान है जो संसार में रहने व संसार छोड़ने के बाद भी साश्वत सुख देता है. इसलिए इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहना चाहिए, क्योंकि आत्म ज्ञान से बढ़ कर कोई सुख नहीं है. प्रवचन को पूज्यपाद स्वामी वेदानंद जी महाराज, संतमत आश्रम सबौर, पुज्यपाद स्वामी योगानंद जी महाराज, सतसंग आश्रम, बैजनाथपुर, स्वामी शाही शरण आदि संतमत के संतों ने संबोधित किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में दूर-दराज से आये श्रद्धालु कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. कार्यक्रम स्थल पर भव्य पंडाल का भी निर्माण किया गया है. वहीं औषधि के स्टॉल भी लगाये गये हैं. इस मौके पर सत्यनारायण साह, श्याम सुंदर साह, राजेंद्र यादव, शिव कुमार साह, पंकज साह, भुनेश्वरी यादव, विद्यानंद यादव, कमलेश्वरी यादव आदि कार्यक्रम की सफलता में सराहनीय योगदान दे रहे हैं.
आत्म ज्ञान से बढ़ कर कोई सुख नहीं : महाराज
फोटो-5केप्सन- प्रवचन करते महाराज व उपस्थित श्रद्धालु प्रतिनिधि, त्रिवेणीगंज अनुपलाल यादव कॉलेज परिसर में बिहार प्रांतीय संतमत सत्संग का 18 वां वार्षिक अधिवेशन शनिवार को धूमधाम से प्रारंभ हुआ. दो दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन प्रात:कालीन प्रवचन को संबोधित करते हुए संतमत आश्रम मनियारपुर, बौंसी के आचार्य पूज्यपाद स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि […]
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